राजसमन्द। मुनि जतन कुमार ने कहा कि युवा पीढी धर्म से विमुख होती जा रही है, धर्म के प्रति अनास्था के कारण सामाजिक जुडाव के प्रति भी उपेक्षा पूर्ण नजरिया अपना रहे हैं। यह विचार उन्होने तेरापंथ भवन बोरज में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। मुनि आनन्द कुमार ने कहा कि धर्म का वास्तविक अर्थ उसे धारण करने से है और उसकी समाज में कितनी उपयोगिता सिध्द हो सकती है। उन्होने कहा कि धर्म के प्रति जो भ्रांतियां फैलाई जा रही है वे निजी स्वार्थों पर आधारित है। धर्म तोडता नहीं जोडता है। प्रवचन के दौरान बडी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
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