राजसमन्द। महाराणा प्रताप जयंती समाराह आयोजन समिति एवं शिव सेना के संयुक्त तत्वावधान में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 469 वीं जयंती जिला मुख्यालय स्थित चौमुखा महादेव मंदिर प्रांगण पर मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार सोहनप्रकाश पालीवाल ने की व संचालन कवि अफजल खां अफजल ने किया। इस अवसर पर प्रताप की छवि पर माल्यार्पण कर दीप प्रावलित किया एवं कार्यकर्ताआें द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके पश्चात काव्य पाठ शुरू हुआ जिसमें श्री द्वारकेश राष्ट्रीय साहित्य परिषद के संस्थापक एवं साहित्यकार फतहलाल गुर्जर अनोखा ने मैं क्या मिशाल दूं मेरे राणा प्रताप की.., सूर्यप्रकाश दीक्षित ने बद से बदतर हालात हो गये, मुख्तसर आदमी के खयालात हो गए, दुर्गाशंकर मधु ने ओरे, मेवाडी राणा, ओ दृढ धर्म रूखाला.. सहित किशन, कमल चन्द्र कमल, अध्यक्षता करते हुए कवि सोहन प्रकाश भीम, ने भी महाराणा प्रताप के जीवन पर कविताएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम में शिवसेना जिला प्रमुख हेमन्त गुर्जर, नगर प्रमुख रायसिंह चारण, लोक अधिकार मंच के नरेन्द्र सिंह कच्छारा, भगवत शर्मा, विद्यार्थी सेना के अजीत सिंह, उप जिला प्रमुख जयंत पालीवाल, तिलकेश ठाकुर, गौरी शंकर पालीवाल, जगदीशचन्द्र कीर, मांगीदास वैष्णव, शंकर सोनी, सहित बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति: वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति की ओर से महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर वीर सावरकर मार्ग सौ फीट रोड पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम महाराणा प्रताप की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। समिति के जिला संयोजक लीलेश खत्री ने संस्था के उद्देश्य एवं गतिविधियाें की जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता देवकीनन्दन टेलर ने कहा कि महारणा प्रताप स्वतंत्रता एवं स्वाभिमान के प्रतीक है। गोष्ठी में अधिवक्ता कुशलेन्द्र दाधीच ने कहा कि महाराणा प्रताप आज हमारे समाज के समक्ष प्रकाश स्तम्भ है। जिस प्रकार प्रताप ने भौतिक सुख सुविधाआें का त्याग किया उसी प्रकार हमें क्षणिक भौतिक सुखो को छोडकर समस्याआें से मुकाबला करना होगा। कार्यक्रम में दिनेश पालीवाल, केलाश निष्कलंक, विजेन्द्र मादरेचा, नीलकण्ठ सोनी, गौरीशंकर प्रजापत सहित बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।
नैतिक धर्माचरण एवं राष्ट्र सेवा संस्थान : नैतिक धर्माचरण एवं राष्ट्र सेवा संस्थान के तत्वावधान में सौ फीट रोड स्थित आनंद राज कुटीर में महाराणा प्रताप जन्मोत्सव समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दरियावसिंह कर्णावट ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमूर्ति पर मार्ल्यापण कर किया। डॉ विजय कुमार खिलनानी ने कहा कि महाराणा प्रताप के शौर्य व वीरता का वर्णन मनुष्य की छोटी सी खोपडी व बुध्दि से सम्भव ही नहीं है। महाराणा प्रताप की वीरता व यशोगाथा युगो-युगाें के लिए है। इस अवसर पर ललित साहू एवं नरेन्द्र सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में ब्रजेन्द्रपालसिंह, महेश पटेल, कन्हैयालाल, अमित विजयवर्गीय, डॉ पुष्पा खिलनानी ने एक कार्ययोजना तैयार कर उनका अनुसार करने का निर्णय किया। कार्यक्रम का संयोजन ललित साहू ने किया।
-महाराणा प्रताप विजय स्मारक संस्थान एवं विजय प्रताप नवयुवक मंडल के संयुक्त तत्वावधान में महाराणा प्रताप की 469 वीं जयंती पर विजय स्थली दिवेर में एक विराट एवं भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा बडी संख्या में जनसम्प्रदाय के साथ दिवेर युध्द घाटी पर पहुंची जहां सबसे पहले संस्थान एवं नवयुवक के पदाधिकारियाें ने पवित्र रज का पूजन कर सभी 351 कलशों में स्थापित की। तत्पश्चात वहां से शोभायात्रा कोट चौराहा, खटीक मोहल्ला, कलाल मोहल्ला, पंचायत भवन, हथाई, शिवाजी के मंदिर रेतवालिया, पुलिस थाना, उच्च माध्यमिक विद्यालय होती हुई विजय स्मारक मेवा का मंथारा पहुंची। शोभायाच में महिलाएं शुभ वेष पहने कलश लेकर चल रही थी। शोभायात्रा में 11 घुडसवार योध्दा वेष में तथा दो ऊंट सवार साथ चल रहे थे। शोभायात्रा का नेतृत्व कर रहे अशोक बैंड दिवेर वीर रस, पारंपरिक राजस्थानी गीतो की मधुर स्वर लहरियां बिखेर रहा था। शोभायात्रा में देवीसिंह, मदनसिंह, ज्ञानसिंह, कालुसिंह, किशन मेवाडा, सुजानसिंह, विक्रम सिंह, हीरासिंह, देवीलाल जैन सहित बडी संख्या में स्त्री, पुरूष, युवा व बच्चे शामिल थे। शोभायात्रा के समापन से पूर्व महारणा प्रताप उमावि में स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर संस्थान व नवयुवक मंडल के पदाधिकारियाें ने दीप प्रावलित कर पुष्पांजलि अर्पित की। शोभायात्रा के समापन के पश्चात आयोजित सभा को सस्थान के महामंत्री एडवोकेट नारायण उपाध्याय ने सम्बोधित कर प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। विजय प्रताप नवयुवक मंडल के अध्यक्ष भैरूसिंह ने सभी का आभार ज्ञापित किया।
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति: वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति की ओर से महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर वीर सावरकर मार्ग सौ फीट रोड पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम महाराणा प्रताप की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। समिति के जिला संयोजक लीलेश खत्री ने संस्था के उद्देश्य एवं गतिविधियाें की जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता देवकीनन्दन टेलर ने कहा कि महारणा प्रताप स्वतंत्रता एवं स्वाभिमान के प्रतीक है। गोष्ठी में अधिवक्ता कुशलेन्द्र दाधीच ने कहा कि महाराणा प्रताप आज हमारे समाज के समक्ष प्रकाश स्तम्भ है। जिस प्रकार प्रताप ने भौतिक सुख सुविधाआें का त्याग किया उसी प्रकार हमें क्षणिक भौतिक सुखो को छोडकर समस्याआें से मुकाबला करना होगा। कार्यक्रम में दिनेश पालीवाल, केलाश निष्कलंक, विजेन्द्र मादरेचा, नीलकण्ठ सोनी, गौरीशंकर प्रजापत सहित बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।
नैतिक धर्माचरण एवं राष्ट्र सेवा संस्थान : नैतिक धर्माचरण एवं राष्ट्र सेवा संस्थान के तत्वावधान में सौ फीट रोड स्थित आनंद राज कुटीर में महाराणा प्रताप जन्मोत्सव समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दरियावसिंह कर्णावट ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमूर्ति पर मार्ल्यापण कर किया। डॉ विजय कुमार खिलनानी ने कहा कि महाराणा प्रताप के शौर्य व वीरता का वर्णन मनुष्य की छोटी सी खोपडी व बुध्दि से सम्भव ही नहीं है। महाराणा प्रताप की वीरता व यशोगाथा युगो-युगाें के लिए है। इस अवसर पर ललित साहू एवं नरेन्द्र सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में ब्रजेन्द्रपालसिंह, महेश पटेल, कन्हैयालाल, अमित विजयवर्गीय, डॉ पुष्पा खिलनानी ने एक कार्ययोजना तैयार कर उनका अनुसार करने का निर्णय किया। कार्यक्रम का संयोजन ललित साहू ने किया।
-महाराणा प्रताप विजय स्मारक संस्थान एवं विजय प्रताप नवयुवक मंडल के संयुक्त तत्वावधान में महाराणा प्रताप की 469 वीं जयंती पर विजय स्थली दिवेर में एक विराट एवं भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा बडी संख्या में जनसम्प्रदाय के साथ दिवेर युध्द घाटी पर पहुंची जहां सबसे पहले संस्थान एवं नवयुवक के पदाधिकारियाें ने पवित्र रज का पूजन कर सभी 351 कलशों में स्थापित की। तत्पश्चात वहां से शोभायात्रा कोट चौराहा, खटीक मोहल्ला, कलाल मोहल्ला, पंचायत भवन, हथाई, शिवाजी के मंदिर रेतवालिया, पुलिस थाना, उच्च माध्यमिक विद्यालय होती हुई विजय स्मारक मेवा का मंथारा पहुंची। शोभायाच में महिलाएं शुभ वेष पहने कलश लेकर चल रही थी। शोभायात्रा में 11 घुडसवार योध्दा वेष में तथा दो ऊंट सवार साथ चल रहे थे। शोभायात्रा का नेतृत्व कर रहे अशोक बैंड दिवेर वीर रस, पारंपरिक राजस्थानी गीतो की मधुर स्वर लहरियां बिखेर रहा था। शोभायात्रा में देवीसिंह, मदनसिंह, ज्ञानसिंह, कालुसिंह, किशन मेवाडा, सुजानसिंह, विक्रम सिंह, हीरासिंह, देवीलाल जैन सहित बडी संख्या में स्त्री, पुरूष, युवा व बच्चे शामिल थे। शोभायात्रा के समापन से पूर्व महारणा प्रताप उमावि में स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर संस्थान व नवयुवक मंडल के पदाधिकारियाें ने दीप प्रावलित कर पुष्पांजलि अर्पित की। शोभायात्रा के समापन के पश्चात आयोजित सभा को सस्थान के महामंत्री एडवोकेट नारायण उपाध्याय ने सम्बोधित कर प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। विजय प्रताप नवयुवक मंडल के अध्यक्ष भैरूसिंह ने सभी का आभार ज्ञापित किया।
No comments:
Post a Comment