राजसमन्द। इन दिनों शहर के मोबाइल उपभोक्ता खासे उत्साहित है और निरंतर भविष्य की सुनहरी कल्पनाओं में खोए हुए है। यहां तक की नौकरीपेशा लोग तो अपने कार्यालयी कार्य में मन लगाने की बजाय नित नए सपने बुनने शुरू कर दिए है। इसकी मुख्य वजह है विगत दिनों से उनके मोबाइल पर आ रहे लाखों रुपए की लॉटरी जीतने के एसएमएस। यह एसएमएस मिलने के बाद तो मोबाइल उपभोक्ता लगातार इस कोशिश में है कि किस तरह लॉटरी में लगा यह पैसा उन्हें मिल जावे। इसके लिए उपभोक्ता निरंतर एसएमएस पर आए नम्बर और ईमेल आईडी सर्च करने पर लगे हुए है। वहीं इंटरनेट से अनजान उपभोक्ता भी साइबर केफे या इंटरनेट के जानकार व्यक्तियों से सम्पर्क साध रहे है।
एसएमएस पर यदि लॉटरी जीतने की सूचना आ रही है तो आप सतर्क हो जाईए क्याेंकि यदि इन एसएमएस की बिना सच्चाई जाने आपने जवाब या ईमेल दिया तो निश्चित है कि आपकी जेब पर यह भारी पडेगा। फर्जी कम्पनियां इस तरह के हथकण्डे पूर्व में ई -मेल धारकों को भेजा करती थी और अब मोबाइल उपभोक्ताओं को लॉटरी जीतने के एसएमएस भेज रही है। जो बिल्कुल फर्जी है।
इन ई-मेल में दावा किया जाता है कि ये इनाम आपको विशिष्ट कम्पनियाें की तरफ से दिया जा रहा है और आपकी मोबाइल नम्बर करोड़ों लोगाें के बीच से चुना गया है। ये दावा भी हो सकता है कि आप ब्रिटेन की सबसे बडी ऑॅनलाइन लॉटरी के विजेता बन गए हैं। या फिर अफ्रीका के किसी देश का कोई शख्स अपनी वसीयत में पूरी रकम आपके नाम कर गया है।शुरुआती ई-मेल में आपसे सिर्फ आपका नाम और फोन नंबर मांगा जाता है। एक बार आपने मेल का जवाब दिया तो, फिर आपसे पहले आपका खाता संख्या या फिर एटीएम कार्ड नंबर मांगा जाएगा। साथ ही इस बात का पूरा भरोसा दिलाया जाता है कि आप ये पैसे दुनिया के किसी भी एटीएम से निकाल सकते हैं। या फिर सारा पैसा आपके खाते में पहुंच जाएगा। भरोसा दिलाने के लिए कुछ ई-मेल में सीएनएन की वेबसाइट पर किसी कहानी का हवाला भी दिया होता है। शुरु में ही साफ-साफ बताया जाता है कि रकम का आधा हिस्सा या उससे कुछ कम ही आपको मिलेगी। मुफ्त के माल के लिए आप लपके और आपने खाता संख्या या फिर एटीएम कार्ड का नंबर एक बार भेज दिया तो, आप समझ लीजिए आपको लूटने की शुरुआत हो चुकी है।रिजर्व बैंक ऑॅफ इंडिया ने पूर्व में लोगाें को आगाह किया था कि वे किसी तरह के विदेशी पैसे के चक्कर में न फंसें। नाइजीरियन ई-मेल जालसाजी के बाद रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी जारी की है। बैंक के मुताबिक, ऐसे ज्यादा फर्जी प्रस्ताव ईमेल के जरिए ही आते हैं। और, वे किसी न किसी बहाने ईमेल भेजकर बैंक का खाता और दूसरी जानकारी ले लेते हैं।
एसएमएस पर यदि लॉटरी जीतने की सूचना आ रही है तो आप सतर्क हो जाईए क्याेंकि यदि इन एसएमएस की बिना सच्चाई जाने आपने जवाब या ईमेल दिया तो निश्चित है कि आपकी जेब पर यह भारी पडेगा। फर्जी कम्पनियां इस तरह के हथकण्डे पूर्व में ई -मेल धारकों को भेजा करती थी और अब मोबाइल उपभोक्ताओं को लॉटरी जीतने के एसएमएस भेज रही है। जो बिल्कुल फर्जी है।
इन ई-मेल में दावा किया जाता है कि ये इनाम आपको विशिष्ट कम्पनियाें की तरफ से दिया जा रहा है और आपकी मोबाइल नम्बर करोड़ों लोगाें के बीच से चुना गया है। ये दावा भी हो सकता है कि आप ब्रिटेन की सबसे बडी ऑॅनलाइन लॉटरी के विजेता बन गए हैं। या फिर अफ्रीका के किसी देश का कोई शख्स अपनी वसीयत में पूरी रकम आपके नाम कर गया है।शुरुआती ई-मेल में आपसे सिर्फ आपका नाम और फोन नंबर मांगा जाता है। एक बार आपने मेल का जवाब दिया तो, फिर आपसे पहले आपका खाता संख्या या फिर एटीएम कार्ड नंबर मांगा जाएगा। साथ ही इस बात का पूरा भरोसा दिलाया जाता है कि आप ये पैसे दुनिया के किसी भी एटीएम से निकाल सकते हैं। या फिर सारा पैसा आपके खाते में पहुंच जाएगा। भरोसा दिलाने के लिए कुछ ई-मेल में सीएनएन की वेबसाइट पर किसी कहानी का हवाला भी दिया होता है। शुरु में ही साफ-साफ बताया जाता है कि रकम का आधा हिस्सा या उससे कुछ कम ही आपको मिलेगी। मुफ्त के माल के लिए आप लपके और आपने खाता संख्या या फिर एटीएम कार्ड का नंबर एक बार भेज दिया तो, आप समझ लीजिए आपको लूटने की शुरुआत हो चुकी है।रिजर्व बैंक ऑॅफ इंडिया ने पूर्व में लोगाें को आगाह किया था कि वे किसी तरह के विदेशी पैसे के चक्कर में न फंसें। नाइजीरियन ई-मेल जालसाजी के बाद रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी जारी की है। बैंक के मुताबिक, ऐसे ज्यादा फर्जी प्रस्ताव ईमेल के जरिए ही आते हैं। और, वे किसी न किसी बहाने ईमेल भेजकर बैंक का खाता और दूसरी जानकारी ले लेते हैं।
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