Friday, May 22, 2009

संस्कारित शिक्षा से समाज और राष्ट्र का विकास संभव : मेहता

राजसमन्द। पूर्व न्यायाधीश नगराज मेहता ने कहा कि संस्कारित शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र का विकास संभव है। वर्तमान परिपेक्ष्य में संस्कारित शिक्षा की महत्ती आवश्यकता है।
मेहता गुरुवार को कुंवारिया कस्बे के उच्च माध्यमिक विद्यालय में अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ मेवाड व वर्ध्दमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ कुंवारिया के तत्वावधान में आयोजित जेन धार्मिक शिक्षण शिविर के उद्धाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। मुख्य अतिथि आनंदीलाल हिंगड सूरत ने कहा कि धर्म के कार्य में व्यय किया धन कभी अफलित नहीं होता है। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष अशोक छाजेड ने शिविर में प्राप्त संस्कार व ज्ञान को जीवन में उतारने की आवश्यकता प्रतिपादित की। समारोह में शिविराधिपति लक्ष्मीलाल दक, मेवाड शाखा के मंत्री घीसूलाल चण्डालिया, वर्ध्दमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ कुंवारिया के अध्यक्ष शंभुलाल पीपाडा, मंत्री शांतिलाल ओस्तवाल, चांदमल ओस्तवाल, बापूलाल ओस्तवाल, आदि ने विचार व्यक्त किए। मंत्री शांतिलाल ओस्तवाल ने बताया कि जैन धार्मिक संस्कार शिक्षण शिविर में शुक्रवार तक प्रवेश तिथि को बढाया गया है।

No comments: