राजसमन्द। जिले के नाथद्वारा शहर में श्रीनाथजी प्रभु के छप्पनभोग मनोरथ की झांकी में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। माघशीर्ष माह की पूर्णिमा के छप्पन भोग का आनन्द अकेले गोवर्द्धनधारी ही लेते हैं। निघि लालन भी इस दिन निमçन्त्रत नहीं होते। किसी को कानों-कान खबर भी न हो, इसके लिए गोवर्द्धन पूजा चौक में बजने वाले नगाडे भी धीमे ही बजते हैं। इस अवसर पर ठाकुरजी को सुनहरी जरी के वस्त्र, श्रीमस्तक पर सफेद जरी का टिपारा धराकर सुनहरी जरी के ही गोकर्ण तथा कूल्हे का जोड शृंगारित किया गया। मेघ-श्याम ठाडे वस्त्र के साथ उत्सव के आभरण एवं वनमाला का भारी शृंगार सुशोभित कर जडाव का चौखटा धराया गया। छप्पनभोग: ठाकुरजी के सम्मुख गोपी वल्लभ में छप्पन व्यंजनों का भोग धराया गया। इसी के साथ मणि कोठा, डोल तिवारी एवं रतन चौक में मिट्टी व बांस के पात्रों में व्यंजन सजाए गए।
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