राजसमन्द राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान शाखा की एक बैठक बुधवार को नौचोकी पाल पर संयोजक सोहनलाल भाटी क अध्यक्षता में हुई। बैठक में भाटी ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने जा रहा है, लेकिन वर्ष 1993 में अस्तित्व में आए इस एक्ट को भारतवर्ष में पूरी तरह लागू नहीं किया गया है जिससे दलित समुदाय की हालत बदतर होती जा रही है। राजस्थान राज्य में 1998 को इस एक्ट को लागू कर दिया परन्तु आज सबसे ज्यादा अत्याचार दलितें पर हो रहे है। आज तक राज्य मानवाधिकार आयोग ने राजस्थान सरकार से इस विषय पर समीक्षा नहीं की। क्यों क्या दलित समुदाय के कोई मानवाधिकार नहीं होते। दलित आदिवासी घुमन्तु अधिकार अभियान के भगवान प्रकाश वाल्मिकी ने कहा कि आयोग में एक दलित सशक्त की नियुक्ति किया जाना संवैधानिक होना परम आवश्यक है। आदिवासी एकता परिषद के जिलाध्यक्ष रामलाल मीणा ने कहा कि आज मानवाधिकार दिवस पर यह संकल्प है कि हमें शिक्षा के प्रति अत्यधिक ध्यान देकर दलितो को मानवाधिकारों के प्रति सजग करने का प्रयास करेंगे।
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