Sunday, May 17, 2009

आग्रही सत्य प्राप्त नहीं कर सकता : नवलखा

राजसमन्द। अणुव्रत विश्व भारती के तत्वावधान में शनिवार को चतुर्थ राष्ट्रीय ज्ञानशाला शिविर के दूसरे दिन शिविरार्थियाें व प्रशिक्षकाें को सम्बोघित करते हुए ज्ञानशाला प्रभारी निर्मल कुमार नवलखा ने कहा कि पूर्व ग्रन्थियाें से मुक्त हो और नवीन शुध्द विचारों को लो। अपने विवेक को जागृत करो मूल्यवान चीज मिलने पर कम मूल्य वाली वस्तु को छोड दे, जो व्यक्ति विचाराें का आग्रत रखता है वह सत्य को प्राप्त नहीं कर सकता। उन्होने कहा कि जीवन में क्रोध सफलता में सबसे बडा बाधक तत्व है। शिविर निदेशक प्रकाश तातेड ने शिविर में आयोजित तुलसी दर्शन दीर्घा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सुश्री सुधा पगारिया प्रथम, ललित लोढा व विहार पारीख द्वितीय तथा मयंक हिंगड तृतीय रहे। एकल भक्ति संगीत में अविनाश दक प्रथम, ललित लोढा द्वितीय व मयंक हिंगड तृतीय रहे। गुण अवगुण कुर्सी दौड में योगेश सहलोत प्रथम, ललित कावडिया द्वितीय तथा प्रिया हिंगड तृतीय रहे। ज्ञानशाला क्विज में पूजा दक प्रथम, ललित कावडिया द्वितीय तथा प्रज्ञा दुग्गड व चिराग कोठारी तृतीय रहे। अणुव्रत दीर्घा क्विज में पूजा दक व आयुषी सोनी प्रथम, कीर्ति जैन व त्रषभ जैन द्वितीय रहे वहीं महाप्रथ एवं ज्ञानशाला पर निबन्ध लेखन में प्रज्ञा दुग्गड प्रथम, ललित कावडिया व दीक्षा नवलखा द्वितीय रहे।
बालोदय निदेशक बालमुकुन्द सनाढय द्वारा सद साहित्य स्वाध्याय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रबन्ध निदेशक विमल जैन, शिविर संयोजक मदन धोका, प्रभा सनाढय, सींगता ठाकुर, साबिर शुक्रिया, ज्ञानशाला संयोजक देवीलाल कोठारी, जगजीवन चोरडिया, विनोद बडाला एवं मंत्री अशोक डूंगरवाल की शिविर में सहभागिता रही।

No comments: