Tuesday, May 19, 2009

धर्म तोडना नहीं, जोडना सीखाता : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि धम्र तोडना नहीं जोडना सीखाता है। धम्र का आधार ही एकता है। जो धर्म के नाम मानव-मानव में भेदभाव करे वह धर्म विरोधी है। अणुव्रत मानव धर्म है7 वह मानवीय एकता में विश्वास करता है। उन्होने उपस्थित लोगों से अणुव्रताें को अपनाने का आह्वान किया। उक्त विचार उन्होने मंगलवार को किशोरनगर स्थित चन्दन निवास पर आयोजित विशेष संगोष्ठी में व्यक्त किए। उन्होने कहा कि आज की युवा पीढी में बढती धर्म विमुखता के लिए तथाकथित धार्मिक जिम्मेदार हैं। यदि धार्मिक होकर धर्म विरूध्द कार्य करेंगे तो स्पष्ट है इससे स्वयं का ओर धर्म का कोई हित नहीं होना है।
संतो का आध्यात्मिक मिलन : किशोरनगर में प्रवासित मुनि तत्वरूचि तरूण का मंगलवार को मुनि कुलदीप एवं मुनि मुकुल कुमार से आध्यात्मिक मिलन हुआ। इस अवसर पर मुनि तत्व ने अपने सहवर्ती संत मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ेक साथ आगन्तुक संतो की अगवानी एवं आतिथ्य सत्कार किया।

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