राजसमन्द। मुनि जतन कुमार लाडनूं ने कहा कि आधुनिक युग की जटिलतम समस्या है हिंसा। उन्होने कहा कि प्राणियों का वध करना ही हिसां नहीं बल्कि प्राणियों का अहित करना, कष्ट देना और मन से पीडित करना भी हिंसा है। उक्त विचार उन्होने मंगलवार को तेरापंथ भवन बोरज में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा कि हिसा से कभी भी शांति व समाधान नहीं मिला अपितु हिंसा बढी है। जैसे रक्त रंजित वस्त्र को रक्त में डालने से रंग उतरता नहीं बल्कि और सघन होता है। उन्होने राजनीति के क्षेत्र में अहिंसा का समुचित उपयोग किया तथा अहिंसा को व्यापक स्वरूप प्रदान किया। मुनि ने कहा कि अहिंसा के बिना व्यक्ति का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए अहिंसा सर्वोपरि धर्म है। इस अवसर पर तेरापंथ भवन में बडी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
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