राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि धर्माचरण से जवन मे पवित्रता का विकास होना चाहिए। उससे आचार विचार और व्यवहार विशुध्द होना चाहिए। जीवन में उर्ध्वमुखता ही धर्मोपासना का मुख्य लक्ष्य हो। उक्त विचार उन्होने शनिवार को सौ फिट रोड स्थित महाप्रज्ञ विहार में श्रावक श्राविकाआें को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा कि धार्मिक व्यक्ति उपदेश देने की बजाय स्वयं आदर्श बनने का प्रयास करें।
हिम्मतमल कोठारी ने बताया कि मुनि तत्वरूचि तरूण रविवार को सौ फिट रोड से विहार कर किशोरनगर स्थित चन्दन निवास आएंगे।
हिम्मतमल कोठारी ने बताया कि मुनि तत्वरूचि तरूण रविवार को सौ फिट रोड से विहार कर किशोरनगर स्थित चन्दन निवास आएंगे।
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