Saturday, May 2, 2009

स्वार्थवश व्यक्ति के पास समाज व राष्ट्र के बारे में सोचने का वक्त नहीं : मुनि संजय

राजसमन्द। मुनि संजय कुमार स्वामी ने कहा कि वर्तमान दौर में व्यक्ति स्वार्थवश अपने आप में लीन है, समाज ओर राष्ट्र हित में सोचने के लिए उसके पास वक्त नहीं है ओर यही वजह है कि उसे देश-परिवेश में सुंदरता नहीं दिखती और न ही सुंदर बनाने के लिए उसके पास कोई ठोस उपाय है।
मुनि संजय कुमार शनिवार को गजपुर घाटा प्रवेश के दौरान श्रावक-श्राविकाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के चित्त में भरे पडे अज्ञान क्रिया काण्ड, भ्रांति का बडा रोग लग रहा है। सिवाय भौतिक सुख के कुछ नहीं सूझ रहा है। उन्होंने कहा कि आसक्ति को कम कर अनासक्ति के बीज का पल्लवन करो। दृष्टिकोण बदलते ही आचार-व्यवहार बदलेगा। दिशा बदलेगी तो दशा भी बदल जाएगी। मुनि प्रसन्न कुमार स्वामी ने कहा कि आध्यात्मिक आनंद की दिशा में विकास करते हुए व्यक्ति उत्प्रेरित हो। इस अवसर पर मुनि प्रकाश कुमार, मुनि रवि कुमार ने भी विचार व्यक्त किए। महिला मण्डल की अध्यक्ष ने बताया कि मुनिवृंद दो व तीन मई को गजपुर, चार मई को पावणा व शाम के रीछेड पधारेंगे।

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