Saturday, May 9, 2009

सरल व्यक्ति मुक्ति पथ के राही : मुनि जतन कुमार

राजसमन्द। जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर भगवान महावीर ने कहा है जो सरल, ऋजु होता है उस व्यक्ति के ह्दय में धर्म ठहरता है धर्म के अनुसार कथनी-करनी में अन्तर नहीं होता है। वहीं सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह विचार मुनि जतन कुमार लाडनूं ने शनिवार को तेरापंथ भवन बोरज में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। उन्होने कहा सरल व्यक्ति मुक्ति पथ के राही होते हैं। सरल व्यक्ति में ही धर्म ठहरता है जो सरलता को तज कर मायाजाल रचकर दूसराें को फंसाता है, कहा जाता है दूसरा फंसे या नहीं स्वयं फंस जाता है। इस अवसर पर मुनि आनन्द कुमार ने कहा कि व्यक्ति धन से नहीं, धम्र से समृध्द होता है। धर्म जीवन में चहुमुखी सुख व आनन्द प्रदान करता है।

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