राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि आदमी बदल सकता है, बशर्ते वह किसी पूर्वाग्रह और मिथ्या अवधारणाआें से ग्रसित न हो, उसका चिन्तन सकारात्मक हो और दृष्टिकोण सम्यक हो। उन्होने कहा कि उस व्यक्ति को बदलना कठिन है जो मोहग्रस्त दुष्ट और मूढ है। यह विचार उन्होने राजनगर सौ फीट रोड स्थित महाप्रज्ञ विहार के कुंदन निवास पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा अनपढ को समझाना आसान है परंतु पढे-लिखे को समझाना आसान नहीं क्याेंकि वह कम जानता और अपने आपको बहुत कुछ मान लेता है। ऐसे मूढ, दुराग्रही, अहंकारी व्यक्तियाें को इंसान तो क्या परमात्मा भी बदलने में असमर्थ है। अत: जीवन में सम्यक बदलाव के लिए पूर्व मिथ्या धारणाआें का निराकरण जरूरी है। जब हमारी सोच सही होगी, देखने का काो सम्यक होगा तो हमारा विकास और बदलाव सहज संभव हो सकेगा। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए।
No comments:
Post a Comment