Saturday, May 9, 2009

विधिक साक्षरता शिविर

राजसमन्द। समीपवर्ती डिप्टी गांव मेंें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजसमन्द के तत्वावधान में बाल विवाह के विरोध में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में न्यायिक मजिस्टे्रट केदारनाथ ने कहा कि बाल विवाह एक अपराध । शादी के लिए लडके की आयु 21 वर्ष व लडकी की आयु 18 वर्ष होना कानूनन आवश्यक है। उन्होने बाल विवाह को सामाजिक अपराध बताते हुए इसके रोके जाने को उपस्थित जन-समूह से अपील की। केदारनाथ ने बताया कि बाल विवाह को गैर जमानती अपराध माना गया है तथा इसके लिए किसी की शिकायत आवश्यक नहीं है, बल्कि किसी भी जरिये से सूचना मिलने पर पुलिस सीधे कार्रवाई कर सकती है। उन्होने कहा कि छोटे-छोटे मामलेें लोक अदालत में निपटाना चाहिए इससे सस्ता, सुलभ व त्वरित न्याय प्रदान होता है। इससे श्रम, धन व समय की बचत होती है। अधिवक्ता भरत पालीवाल ने कहा कि विधिक साक्षरता शिविर का मुख्य उद्देश्य विधिक चेतना को गांव गांव ढाणी-ढाणी पहुंचाना है। पालीवाल ने जन उपयोगी स्थाई लोक अदालत के बारे में जानकारी प्रदान की। अधिवक्ता सुखवाल बैरवा ने कहा कि जो व्यक्ति अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला या बच्चे जो व्यक्ति जेल में हो व जिसकी वार्षिक आय 25 हजार रुपए से कम है उसकी तत्काल विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है जिसका खर्चा राय सरकार वहन करती है। शिविर संचालन गोविन्दनारायण जोशी ने किया।

No comments: