Monday, May 4, 2009

बिगडी जिन्दगी का सुधार नामुमकीन : मुनि सुरेश कुमार

राजसमन्द। मुनि सुरेश कुमार हरनावा ने कहा कि धर्म वही ठहरता जहां मन की पवित्रता और सरलता हो। दुनियां में आत्मा जन्म जन्मांतराें तक महत इसीलिए बार-बार भटकती है क्याेंकि माया के बाजार में आस्था बिक जाती है। उक्त विचार उन्होने सोमवार को श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा भवन छापली आन्दरलाई में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनि ने कहा कि जंगल की टेढी मेढी लकडियां आग की भेंट चढ जाती है वहीं सीधी लकडियाेंं को खूबसूरत फर्नीचर में बदल दिया जाता है। ठीक इसी तरह सीरत में नेक और शरीफ लोगाें का व्यवहार उनके व्यक्तित्व को महकाता है। इस अवसर पर मुनि सम्बोध कुमार ने भी विचार रखे। तेरापंथी सभा व महिला मंडल ने मुनिवृध्द का अभिनन्दन किया। भिक्षु बोधि स्थल मीडिया प्रभारी श्रीमती लाड मेहता ने बताया कि मुनि सोमवार को दिवेर से विहार कर मंगलवार को दरडा, बुधवार को लाम्बोडी होते हुए सम्बोधि में ध्यान योगी मुनि शुभकरण से मिलन होगा।
महिला मंडल की संगोष्ठी : यह संसार अशाश्वत एवं अनित्य है। जहां दु:ख इतने हैं कि गणना नहीं कर सकते, व्यक्ति सुख की कामना करता है उसे पाने का प्रयास भी करता है। भौतिक आकर्षण की ओर यादा खिंचा चला जाता है अति लालच व आसक्ति की श्रृंखला सांसारिक भव-भ्रमण तो बढाती ही है व अशांति का निमित भी बनती है। आदर्श नारी ही आदर्श परिवार का निर्माण करने में सक्षम व सफल भूमिका निभा सकती है। यह विचार साध्वी सम्यकप्रभा ने सोमवार को तेरापंथ महिला मंडल राजसमन्द की ओर से आयोजित संगोष्ठी में किशोरनगर स्थित मेहता आवास पर महिलाआें को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। इससे पूर्व किशोरनगर पहुंचने पर महिला मंडल की ओर से उपासिका श्रीमती निर्मला जैन, अध्यक्ष श्रीमती लाड मेहता ने अभिवन्दन विचार रखे।

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