राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि कर्मों का परिणाम अवश्यंभावी है। इसलिए कर्म करने में सावधानी बरतें। यदि अच्छा कर्म किया है तो परिणाम भी अच्छा आएगा और बुरा कर्म किया है तो उसका परिणाम भी बुरा ही आएगा। यह विचार उन्होने मंगलवार को सौ फीट रोड स्थित महाप्रज्ञ विहार में कुंदन निवास पर श्रावक-श्राविकाआें को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा भविष्य दर्शन से वर्तमान को सुधार सकते हैं। वर्तमान की सुंदरता भविष्य को निखार सकती है। अत: कर्मवाद का सिध्दान्त वर्तमान और भावी जीवन को जानने पहचानने तथा सुधारने में सहायक हो सकता है। मुनि ने कहा जो भविष्य को ध्यान में रखकर कर्म करता वह बुरे कर्म करने से बच सकता है। पूर्व जन्म और पुनर्जन्म का सिध्दान्त व्यक्ति को बुराईयाें से बचाता है। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल ने भी विचार रखे तथा मुनि विकास कुमार ने आध्यात्मिक गीत का संगान किया।
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