राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि अपराध और अस्वास्थ्य का प्रमुख कारण है-भय। भय आदमी में तनाव पैदा करता है। तनाव से आदमी कमजोर बनता फिर बीमारियां उसे अपना शिकार बना लेती है। भय के तनाव में आदमी अकरणीय भी कर लेता है। अत: भय अपराध को भी जन्म देता है। उक्त विचार उन्होने शुक्रवार को सौ फिट रोड स्थित महाप्रज्ञ विहार में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा कि जहां परिग्रह वहां भय है। क्याेंकि दोनो का परस्पर गहरा सम्बन्ध है। एक के होने पर दूसरे का होना अवश्यंभावी है। उन्होने बताया कि ह्दय रोग का प्रमुख कारण भी भय है। जहां भय है वहां न सुख है न शांति है। उन्होने कहा कि धनवालो को जितना भय सताता है उतना निर्धन को नहीं। क्याेंकि भय का मूल ही धन है। धर्म में दृढ आस्थावाला भय से मुक्त होकर जीवन जी सकता है। इस अवसर पर मुनि भवभूति और मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए।
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