Tuesday, May 12, 2009

औचित्यहीन नया शैक्षिक सत्र

राजसमन्द। प्रदेशभर के विद्यालयाें में नवीन शैक्षिक सत्र हालांकि एक मई से शुरू करदिया गया है लेकिन सरकार विद्यालयाें में प्रवेश प्रक्रिया एकदम नगण्य है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की जिला शाखा ने इसे औचित्यहीन करार देते हुए विरोध किया है। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रभुगिरी गोस्वामी ने कहा कि नया शैक्षिक सत्र पूर्व के वर्षों की भांति एक जुलाई से ही शुरू किया जाना चाहिए था लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों से इसे कभी तो 16 अप्रेल से तो कभी 25 अप्रेल से या फिर एक मई से शुरू किया जाता लेकिन कुल मिलाकर इसका कोई भी सार्थक अर्थ नहीं निकल पा रहा है क्याेंकि विद्यालयों में छात्राें की प्रवेश प्रक्रिया पूरे जुलाई माह तक जारी रहती है तो अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को जुलाई माह ममें ही प्रवेश दिलवाते हैं और अप्रेल तथा मई माह में शुरू किया गया नवीन शैक्षिक सत्र मात्र औपचारिकता बन कर रह जाता है। गोस्वामी ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विद्यालयाें में सीबीएससी का पाठयक्रम लागू किया जाना स्वागत योग्य कदम है लेकिन विद्यालयाें में शिविरा का पचांग पूर्व वाला ही रहे तो सार्थक होगा या फिर शिक्षा विभाग अप्रेल या मई माह में तथा शैक्षिक सत्र शुरू करवाना चाहता है तो प्रवेश प्रक्रिया को जुलाई माह में पूरी तरह बन्द रखनी होगी ताकि प्रवेश प्रक्रिया अप्रेल-मई माह में ही पूरी हो जाए।
शिक्षक संक्ष के जिला मंत्री रामचन्द्र पानेरी, संगठन मंत्री, गिरिजा शंकर पालीवाल, निरंजन पालीवाल, यशोदा दशोरा आदि ने प्रदेश सरकार एवं शिक्षा मंत्री से इस पर ठोस निर्णय लिए जाने की अपील की है।

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