राजसमन्द। साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि वर्तमान परिवेश में बच्चे सही दिशा नहीं पकड पा रहे हैं, उन्हें संतुष्टि प्राप्त नहीं हो रही है। इस कमी को पूर्ण करते हुए बच्चाें को संस्कारित करने के लिए राष्ट्रीय ज्ञानशाला की शुरूआत एक सराहनीय है।
साध्वी प्रमुखा जेन विश्व भारती लाडनूं में राष्ट्रीय ज्ञानशाला के विद्यार्थियाें को सम्बोधित कर रही थी। उन्होने कहा कि मनोवैज्ञानिक तरीके से बच्चों की सोच बदलें। उनका चिंतन ओर नजरिया बदल जाए यही कार्य अणुविभा राजसमन्द के माध्यम से किया जा रहा है। युवाचार्य श्री ने अणुविभा में बालोदय की प्रवृतियों को स्मरण करते हुए मंगल भावना प्रकट की। कार्यक्रम में मुनि सुखलाल, राष्ट्रीय ज्ञानशाला के राष्ट्रीय अध्यक्ष्ज्ञ निर्मल नवलखा ने विचार व्यक्त किए। इससे पहले महामंत्री संजय जैन के मार्गदर्शन में शिविरार्थियाें ने आचार्य महाप्रज्ञ, युवाचार्य, साध्वी प्रमुखा के दर्शन किए।
साध्वी प्रमुखा जेन विश्व भारती लाडनूं में राष्ट्रीय ज्ञानशाला के विद्यार्थियाें को सम्बोधित कर रही थी। उन्होने कहा कि मनोवैज्ञानिक तरीके से बच्चों की सोच बदलें। उनका चिंतन ओर नजरिया बदल जाए यही कार्य अणुविभा राजसमन्द के माध्यम से किया जा रहा है। युवाचार्य श्री ने अणुविभा में बालोदय की प्रवृतियों को स्मरण करते हुए मंगल भावना प्रकट की। कार्यक्रम में मुनि सुखलाल, राष्ट्रीय ज्ञानशाला के राष्ट्रीय अध्यक्ष्ज्ञ निर्मल नवलखा ने विचार व्यक्त किए। इससे पहले महामंत्री संजय जैन के मार्गदर्शन में शिविरार्थियाें ने आचार्य महाप्रज्ञ, युवाचार्य, साध्वी प्रमुखा के दर्शन किए।
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