राजसमन्द। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में इन दिनों सड़कों की हालत खस्ता होने से लोगों की आवाजाही दुष्कर हो रही है लेकिन न नगरपालिका और न ही प्रशासन लोगों को इस परेशानी से निजात दिलाने की जहमत उठा रहा है।
वर्षाकाल में सड़कों की इस स्थिति के बारे में जब भी सरकारी तंत्र का ध्यान आकृष्ट किया जाता है तो वह प्राय: बारिश के कारण सड़कों की टूट-फूट होने की दलील देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है हालाकि भारी वर्षा से सड़कें क्षतिग्रस्त होना स्वाभाविक है लेकिन इस वर्षाकाल को लेकर तो यह बात शायद ही किसी के गले उतरे कि बरसात से सड़कें क्षतिग्रस्त हुई। कारण, बीते एक-डेढ़ माह में तो इतनी तेज बारिश हुई ही नहीं है। दरअसल शहर के विभिन्न भागों में मुख्य मार्गो के साथ ही रिहायशी क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर सड़कें पिछले कई महीनों से बदहाल है।
शहर का सबसे अहम माना जाने वाला और कांकरोली व राजनगर को जोड़ने वाला प्रमुख वैकल्पिक मार्ग 100 फिट रोड़ भी वर्तमान में दुर्दशा का शिकार है। अक्सर लोग कांकरोली-राजनगर के पुराने व्यस्ततम व संकड़े मार्ग पर जाने की बजाय 100 फिट रोड़ से जाना बेहतर मानते है और वे इसका उपयोग भी करने लगे लेकिन इस मार्ग की मौजूदा हालत को देखते हुए वे पुन: पुराने रास्ते ही जा रहे है। सड़क पर जगह जगह खड्डे बन गए है तथा पूरा रास्ता खराब हो गया है। शहर का दूसरा मुख्य मार्ग 50 फिट रोड़ भी इससे अछूता नहीं है। यही नहीं पीर बावजी से लेकर जलचक्की, बस स्टेण्ड तक के सड़क की दशा भी खराब है। साफ है मुख्य मार्गो की ऐसी हालत है तो गली कूंचों व अन्य जगहों पर स्थिति कैसी होगी।
वर्षाकाल में सड़कों की इस स्थिति के बारे में जब भी सरकारी तंत्र का ध्यान आकृष्ट किया जाता है तो वह प्राय: बारिश के कारण सड़कों की टूट-फूट होने की दलील देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है हालाकि भारी वर्षा से सड़कें क्षतिग्रस्त होना स्वाभाविक है लेकिन इस वर्षाकाल को लेकर तो यह बात शायद ही किसी के गले उतरे कि बरसात से सड़कें क्षतिग्रस्त हुई। कारण, बीते एक-डेढ़ माह में तो इतनी तेज बारिश हुई ही नहीं है। दरअसल शहर के विभिन्न भागों में मुख्य मार्गो के साथ ही रिहायशी क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर सड़कें पिछले कई महीनों से बदहाल है।
शहर का सबसे अहम माना जाने वाला और कांकरोली व राजनगर को जोड़ने वाला प्रमुख वैकल्पिक मार्ग 100 फिट रोड़ भी वर्तमान में दुर्दशा का शिकार है। अक्सर लोग कांकरोली-राजनगर के पुराने व्यस्ततम व संकड़े मार्ग पर जाने की बजाय 100 फिट रोड़ से जाना बेहतर मानते है और वे इसका उपयोग भी करने लगे लेकिन इस मार्ग की मौजूदा हालत को देखते हुए वे पुन: पुराने रास्ते ही जा रहे है। सड़क पर जगह जगह खड्डे बन गए है तथा पूरा रास्ता खराब हो गया है। शहर का दूसरा मुख्य मार्ग 50 फिट रोड़ भी इससे अछूता नहीं है। यही नहीं पीर बावजी से लेकर जलचक्की, बस स्टेण्ड तक के सड़क की दशा भी खराब है। साफ है मुख्य मार्गो की ऐसी हालत है तो गली कूंचों व अन्य जगहों पर स्थिति कैसी होगी।
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