राजसमन्द। मुनि जतन कुमार ने कहा कि चातुर्मास आध्यात्म की प्राप्ति का सुनहरा अवसर है। नए की प्राप्ति की आस के सहारे ही आध्यात्म की प्राप्ति संभव है। मुनि मंगलवार को तेरापंथ भवन केलवा में पाण्डव चरित्र की कथा शुरूआत पर व्यक्त किए। उन्होने कहा कि आत्म विश्वास साहस और चरित्र को कहीं से खरीदा या छिना नहीं जा सकता है। इनकी प्राप्ति तो आध्यात्म के चलते ही हो सकती है। मुनि आनन्द कुमार ने कहा कि चातुर्मास काल में सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन, सम्यक चरित्र एवं सम्यक तप की आराधना करेंं। उन्होने कहा आचार्य महाप्रज्ञ ने हमे यहां जगाने के लिए भेजा है। चातुर्मास का समय धर्म जागरण का होता है।
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