Wednesday, September 30, 2009

33 जनों को निलंबित कर दिया

राजसमंद। यहां जेके टायर फैक्ट्री में कार्यरत तीन अन्य कामगारों को प्रबंधन ने बुधवार को निलम्बित कर दिया है। मंगलवार को तीन कामगारों को निलम्बित करने के बाद बुधवार को लगातार दूसरे दिन तीन कामगारों को निलम्बित करने के बाद इंटक सहित अन्य कर्मचारियों ने प्रबंधन की इस कार्रवाई की निंदा की है। इधर, जेके टायर कर्मचारी संगठन इंटक ने विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को लगातार 18वें दिन भी धरना जारी रखा।
इस माह के पहले सप्ताह से इंटक ने प्रबंधन के समक्ष श्रमिक संगठन के चुनाव करवाने व सीटू के साथ किए गए करार रद्द करने सहित अन्य मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन आरंभ किया था। धरना-प्रदर्शन के दौरान कार्यालय परिसर में कथित तोडफोड के आरोप में प्रबंधन ने पहली कार्रवाई के तौर पर छह कामगारों को निलम्बित कर दिया था। इसके बाद इंटक ने धरना-प्रदर्शन में तेजी कर दी थी। इंटक से संबद्ध कामगारों को निलम्बित करने के विरोध में निलम्बित कर्मचारियों ने एकजुट होकर धरना-प्रदर्शन शुरू किया था।
बाद में इसमें अन्य कामगारों ने भी सहयोग देना आरंभ कर दिया। इससे फैक्ट्री में उत्पादन प्रक्रिया बाघित होना शुरू हो गई। इसके बाद प्रबंधन ने कामगारों को काम पर लौटने व धरना-प्रदर्शन समाप्त करने की अपील करना आरंभ किया। प्रबंधन का आग्रह ठुकराने के कारण उसने निलम्बित करने की प्रक्रिया अपनाई और अब तक बदली श्रमिकों सहित कुल 33 जनों को निलंबित कर दिया है। बुधवार को प्रबंधन ने गिरवीरसिंह राठौड, शंकरलाल गुर्जर व सोहनसिंह राव को निलंबित किया। गौरतलब है कि जेके प्रबंधन ने 21 बदली श्रमिकों व 12 स्थायी कामगारों को निलम्बित कर दिया है। इधर, इंटक ने बुधवार को जगदीशचंद्र कुमावत के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन जारी रखा।
धरना-प्रदर्शन में शामिल कामगारों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन और सीटू यूनियन मिल कर श्रमिकों पर अत्याचार कर रहे हैं। दोनों वर्ग वास्तविक तथ्य पेश नहीं कर श्रमिकों का अहित कर रहे हैं। धरने पर बैठने वालों में मानाराम डांगी, सुशील डांगी, राजेन्द्र गौड, संजयकुमार बिस्वा, मोहनलाल सुथार, नीरज शर्मा, अमित जोशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरेन्द्र मिश्रा सहित अन्य कामगार शामिल हैं।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष मिश्रा ने दावा किया कि बुधवार को धरना स्थल पर साढे चार सौ श्रमिकों ने मौजूदगी दर्ज कराई। इस दौरान दरीबा माइंस इंटक के वरिष्ठ नेता पन्नालाल सुखवाल और राधेश्याम भी उपस्थित थे। इंटक अध्यक्ष बंशीलाल जोशी ने कहा कि यदि चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है और मांगें नहीं मानी जाती हैं तो संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।

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