गिलूण्ड। बारिश का मौसम होने के बावजूद दामोदरपुरा गांव में ग्रामीणों को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड रहा है। यहां बस स्टैण्ड के समीप लगे एक मात्र सार्वजनिक नल पर आपूर्ति के दौरान ग्रामीणों की रेलमपेल रहती है। नल में पानी आने से पहले ही लम्बी लाइन लग जाती है।
कई बार जलापूर्ति नहीं होने से ग्रामीणों को खाली हाथ ही घर को लौटना पडता है। कहने को तो गांव में चार हैण्डपंप हैं, लेकिन उनका पानी पीने योग्य नहीं है। सभी हैण्डपम्प खारा पानी उगलते हैं। पशुओं के लिए पेयजल व्यवस्था में ही ग्रामीणों का दिन बीत जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की आबादी दिनोंदिन बढती जा रही है, लेकिन पेयजल संकट का समाधान नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने विभाग से समस्या के निराकरण की मांग की है।
कई बार जलापूर्ति नहीं होने से ग्रामीणों को खाली हाथ ही घर को लौटना पडता है। कहने को तो गांव में चार हैण्डपंप हैं, लेकिन उनका पानी पीने योग्य नहीं है। सभी हैण्डपम्प खारा पानी उगलते हैं। पशुओं के लिए पेयजल व्यवस्था में ही ग्रामीणों का दिन बीत जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की आबादी दिनोंदिन बढती जा रही है, लेकिन पेयजल संकट का समाधान नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने विभाग से समस्या के निराकरण की मांग की है।
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