राजसमन्द। बडारड़ा गांव में अनुसूचित जाति के एक परिवार के बाड़े से कब्जा हटाने को लेकर उत्पन्न विवाद के चलते सोमवार को गांव में तनाव फैल गया और गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।बडारड़ा निवासी नाथुलाल पुत्र अम्बालाल बैरवा के बाड़े की दो दिन पूर्व रात्रि को ग्रामवासियों ने पत्थरों की दीवारें हटा कर दी। इसकी सूचना रात्रि को ही राजनगर थाने में दी गई और पुलिस भी मौके पर पहुंची लेकिन कार्रवाई कोई खास नहीं की गई जिससे विवाद जारी रहा। इसके बाद पीडि़त परिवार ने रविवार को ही गांव के सवर्ण जाति के 21 लोगों के खिलाफ कब्जा ध्वस्त करने को लेकर मामला दर्ज कराया। इस बीच ग्राम पंचायत व ग्रामवासियों ने उक्त कब्जा हटाने के लिए सोमवार सुबह जेसीबी से दीवारें पूरी तरह हटा दी व पेड़ भी हटा दिए। इससे अनुसूचित जाति के परिवारों में आक्रोश फैल गया। सूचना मिलने पर पुलिस उप अधीक्षक चन्द्रप्रकाश शर्मा व राजनगर थानाधिकारी निरंजन आल्हा मौके पर पहुंचे जहां कब्जा हटाया जा रहा था। उप अधीक्षक ने ग्रामवासियों के साथ सरपंच हुकमसिंह, सचिव सुशील दशोरा से इस मामले में जानकारी ली। सरपंच व सचिव का कहना था कि उक्त जगह नाथुलाल बैरवा का अवैध कब्जा था जो ग्राम पंचायत ने नियमानुसार हटाया है। इस पर पुलिस उपाधीक्षक ने इस सम्बन्ध में ग्राम पंचायत से जरुरी दस्तावेज पेश करने को कहा है। इधर मौके पर पीडि़त नाथुलाल बैरवा ने बताया कि यह बाड़ा उसका है तथा जातिगत भेदभाव के चलते बेवजह उसका कब्जा ध्वस्त कर दिया गया। पास में गोवद्र्धनलाल बैरवा के घर के बाहर का पानी का टैंक भी तोड़ दिया गया। पीडि़त नाथुलाल बैरवा, एडवोकेट बालकृष्ण बैरवा, दुर्गाशंकर बैरवा ने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामवासियों ने दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया है। गांव में दुकानदारों ने सामान देने से मना कर दिया है। इस बारे में उन्होंने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दे दी है लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। निजी स्कूल में शिक्षक मुकेश कुमार बैरवा ने आरोप लगाया कि उसे निजी शिक्षण संस्थान ने सोमवार को हटा दिया। मौके पर पहुंचे दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान के जिला संयोजक सोहनलाल भाटी ने बताया कि गैर कानूनी तरीके से कब्जा हटाया गया है और गांव के दलित परिवारों को बहिष्कृत कर दिया गया है।
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