Wednesday, September 2, 2009

आश्वासन के बाद भूख हडताल खत्म

आमेट। स्थानीय राजकीय महाविद्यालय में व्याख्याताओं के रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर भूख हडताल पर बैठे विद्यार्थियों ने बुधवार को विधायक के आश्वासन के बाद हडताल समाप्त कर दी। बुधवार को विधायक गणेश सिंह परमार के आंदोलन स्थल पर पहुंचने पर विद्यार्थियों ने परमार से महाविद्यालय में व्याख्याताओं के खाली पडे पदों को शीघ्र भरने की मांग की। इस पर विधायक परमार ने आगामी 10 सितंबर तक पदों को भरने का आश्वासन दिया।
मौके पर ही छात्र नेता दीपक सैन, राजेश टेलर, लोकेंद्रसिंह आदि ने स्पष्ट कर दिया कि पद भरे नहीं जाने तक क्रमिक धरना जारी रहने के साथ महाविद्यालय में किसी भी प्रकार का शैक्षणिक कार्य नहीं होने दिया जाएगा।
महाविद्यालय बंद करायाराजसमंद । नाथद्वारा तहसील मुख्यालय के राजकीय महाविद्यालय में कम्प्यूटर पाठ्यक्रम के शुल्क में कमी की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को महाविद्यालय बंद करा दिया। इसके बाद परिषद के पदाघिकारी-कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन व नारेबाजी की। उल्लेखनीय है कि सेठ मथुरादास बिनानी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इस वर्ष पीजी डीसीए का शुल्क बढा कर साढे बारह हजार रूपए कर दिया गया है। परिषद फीस वृद्धि का विरोध कर रही है।
जिला संयोजक मोहन कुमावत ने बताया कि पाठ्यक्रम में चालू शिक्षण सत्र में शुल्क में तीन गुना वृद्धि कर दी गई है। इस दौरान परिषद के एक शिष्ट मंडल ने सह जिला संयोजक खुशकमल कुमावत, इकाई अध्यक्ष त्रिभुवनसिंह, बादलसिंह, विक्रमसिंह, दीपक आदि के नेतृत्व में प्राचार्य से मिलकर मांग के संबंध में सकारात्मक कार्रवाई की अपील की।

कुंभलगढ। पंचायत समिति के पीपला क्षेत्र के नरेगा के तहत कार्य करने वाले करीब चार सौ महिला-पुरूष नरेगा श्रमिकों के पास भुगतान राशि के लिए चक्कर काटने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया है। पंचायत समिति कुंभलगढ की पीपला ग्राम पंचायत के ये मजदूर पिछले आठ माह से मजदूरी पेटे भुगतान राशि का इंतजार कर रहे हैं। राशि नहीं मिलने के अभाव में भरी गर्मी में पसीना बहाने वाले इन गरीब श्रमिकों के चूल्हे पर संकट आ गया है।
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत पीपला पंचायत क्षेत्र में जनवरी 2008 से अगस्त 2009 के दौरान कार्य चला। मजदूरों ने भरी सर्दी और गर्मी में इन सुबह-शाम कार्य किया। काम पूरा होने के बाद इन्हें भुगतान राशि मिल जाने की आस थी, लेकिन जिम्मेदार कर्मचारियों की बेपरवाही के चलते इन्हें हर बार आश्वासन ही मिले।
माली हालत बिगडने पर श्रमिकों ने मेट व नरेगा से जुडे अघिकारियों के चक्कर काटना शुरू किया। परिवार का पेट पालने की दुहाई और राशन का सामान खरीदने का तर्क दिया, लेकिन अघिकारियों ने हर बार एक नया आश्वासन देकर रवाना कर दिया। इन क्षेत्र में नरेगा कार्य बंद हो जाने के बाद वर्तमान में इन मजदूरों के पास कोई काम नहीं रह गया है।
इनका कहना हैसात दिन के भीतर श्रमिकों को भुगतान नहीं किया गया तो धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।-माइंगराम भल, पंचायत समिति सदस्य, कुंभलगढ
कितने श्रमिकों का चुकारा शेष है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। अगले दस दिनों के भीतर श्रमिकों का चुकारा कर दिया जाएगा। रोजगार सहायक नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी है।प्रेमलता सालवी, कार्यक्रम अघिकारी, कुंभलगढ
अलग से टीम गठित कर भुगतान शीघ्र कराया जाएगा। भुगतान में देरी के कारण की जांच कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।हिम्मतसिंह बारहठ, समन्वयक नरेगा व उपखंड अघिकारी

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