राजसमंद। जिला परिषद की बुधवार को यहां परिषद सभागार में हुई साधारण सभा व नरेगा की समीक्षा बैठक हंगामी रही। कलक्टर औंकारसिंह और जिला प्रमुख नारायणसिंह भाटी की मौजूदगी में बैठक के दौरान नरेगा कार्यो में मेट की ओर से मस्टररोल छिपाने, फर्जी मजदूरों के नाम इंद्राज करने और मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं मिलने के मुद्दे छाये रहे।
बैठक के दौरान जिले में 270.50 किलोमीटर की प“ाीस सडकों का अनुमोदन किया गया। बैठक में परिषद सदस्य डूंगरसिंह रावत ने नरेगा में भ्रष्टाचार केमामले की उ“ा स्तरीय जांच करवाने और लगत खेडा में मांगे जाने पर जनप्रतिनिघि को मेट की ओर से मस्टररोल नहीं दिखाने जैसे मुद्दे उठाए।
रावत ने कहा कि नरेगा कार्यो में कई जगह अदृश्य मजदूर लगे हुए हैं। सदस्य ललित चोरडिया ने कहा कि राजसमंद जिले में कई स्थान पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन आयोजना मद में कभी बजट ही जारी नहीं होता। पर्यटन अघिकारी बुलाए जाने पर भी बैठकों में शामिल नहीं होते और विकास के नाम पर कागजी खानापूर्ति करते हैं।
उन्होंने कहा कि चारभुजाजी में पं. नेहरू की क्षतिग्रस्त प्रतिमा को तीन साल बाद भी नहीं बदला गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की ओर से नरेगा आयुक्त से अनुशंसा करने के बावजूद कार्यक्रम अघिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सदस्य प्रकाश खेरोदिया ने भी नरेगा में भ्रष्टाचार का समर्थन करते हुए श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं मिलने की बात कही। इस दौरान भीम प्रधान मांगूसिंह, राजसमंद प्रधान गणेशलाल सहित अन्य ने भी मुद्दे उठाए। हंगामे के बीच जिला प्रमुख नारायणसिंह भाटी ने जिले के विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने पर बल दिया।
उन्होंने आयोजना समिति की ओर से प्रस्तावित प“ाीस सडकें बनाने के प्रस्ताव रखे जिनका अनुमोदन किया गया। सांसद गोपालसिंह शेखावत ने पीने के पानी, विद्युत व विद्यालयों में अध्यापकों की कमी का मुद्दा उठाया और वैकल्पिक प्रयास करने पर जोर दिया। भीम विधायक हरिसिंह रावत ने क्षेत्र में पेयजल की समस्या बताते हुए पुख्ता प्रबंध करने का प्रस्ताव रखा।
इस पर उप जिला प्रमुख नंदलाल सिंघवी ने समन्वित प्रयास करने की बात कही। मुख्य कार्यकारी अघिकारी रामपाल शर्मा ने जनप्रतिनिघियों से आग्रह किया कि वे प्रस्तावित सडकों व जिला परिषद की ओर से संचालित गतिविघियों के अलावा नरेगा में किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर कार्रवाई करें।
कलक्टर ने निर्देश दिए कि जिन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना बाकी हैं, उनके फार्म- छह भरवाए जाएं व स्वीकृत कार्य शीघ्र पूरे करवाएं। उन्होंने ग्राम सेवा सहकारी समितियों को मिनी बैंक का दर्जा देने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए, ताकि इसमें खुलने वाले खातों के माध्यम से भी श्रमिकों का भुगतान संभव हो सके।
आंख मूंद कर राशि दे दें !
आयोजना समिति में शहरी क्षेत्र के सदस्य जे.पी. शर्मा ने सौ फीट रोड की मरम्मत के लिए राशि मांगी तो सांसद गोपालसिंह शेखावत ने यह कह दिया कि मेरे पास छह-छह विधानसभा क्षेत्र हैं और आंख मूंद कर राशि देने लगा तो कैसे काम चलेगा। मैं वसुंधरा सरकार की तरह भ्रष्टाचार नहीं कर सकता।
बैठक के दौरान जिले में 270.50 किलोमीटर की प“ाीस सडकों का अनुमोदन किया गया। बैठक में परिषद सदस्य डूंगरसिंह रावत ने नरेगा में भ्रष्टाचार केमामले की उ“ा स्तरीय जांच करवाने और लगत खेडा में मांगे जाने पर जनप्रतिनिघि को मेट की ओर से मस्टररोल नहीं दिखाने जैसे मुद्दे उठाए।
रावत ने कहा कि नरेगा कार्यो में कई जगह अदृश्य मजदूर लगे हुए हैं। सदस्य ललित चोरडिया ने कहा कि राजसमंद जिले में कई स्थान पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन आयोजना मद में कभी बजट ही जारी नहीं होता। पर्यटन अघिकारी बुलाए जाने पर भी बैठकों में शामिल नहीं होते और विकास के नाम पर कागजी खानापूर्ति करते हैं।
उन्होंने कहा कि चारभुजाजी में पं. नेहरू की क्षतिग्रस्त प्रतिमा को तीन साल बाद भी नहीं बदला गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की ओर से नरेगा आयुक्त से अनुशंसा करने के बावजूद कार्यक्रम अघिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सदस्य प्रकाश खेरोदिया ने भी नरेगा में भ्रष्टाचार का समर्थन करते हुए श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं मिलने की बात कही। इस दौरान भीम प्रधान मांगूसिंह, राजसमंद प्रधान गणेशलाल सहित अन्य ने भी मुद्दे उठाए। हंगामे के बीच जिला प्रमुख नारायणसिंह भाटी ने जिले के विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने पर बल दिया।
उन्होंने आयोजना समिति की ओर से प्रस्तावित प“ाीस सडकें बनाने के प्रस्ताव रखे जिनका अनुमोदन किया गया। सांसद गोपालसिंह शेखावत ने पीने के पानी, विद्युत व विद्यालयों में अध्यापकों की कमी का मुद्दा उठाया और वैकल्पिक प्रयास करने पर जोर दिया। भीम विधायक हरिसिंह रावत ने क्षेत्र में पेयजल की समस्या बताते हुए पुख्ता प्रबंध करने का प्रस्ताव रखा।
इस पर उप जिला प्रमुख नंदलाल सिंघवी ने समन्वित प्रयास करने की बात कही। मुख्य कार्यकारी अघिकारी रामपाल शर्मा ने जनप्रतिनिघियों से आग्रह किया कि वे प्रस्तावित सडकों व जिला परिषद की ओर से संचालित गतिविघियों के अलावा नरेगा में किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर कार्रवाई करें।
कलक्टर ने निर्देश दिए कि जिन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना बाकी हैं, उनके फार्म- छह भरवाए जाएं व स्वीकृत कार्य शीघ्र पूरे करवाएं। उन्होंने ग्राम सेवा सहकारी समितियों को मिनी बैंक का दर्जा देने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए, ताकि इसमें खुलने वाले खातों के माध्यम से भी श्रमिकों का भुगतान संभव हो सके।
आंख मूंद कर राशि दे दें !
आयोजना समिति में शहरी क्षेत्र के सदस्य जे.पी. शर्मा ने सौ फीट रोड की मरम्मत के लिए राशि मांगी तो सांसद गोपालसिंह शेखावत ने यह कह दिया कि मेरे पास छह-छह विधानसभा क्षेत्र हैं और आंख मूंद कर राशि देने लगा तो कैसे काम चलेगा। मैं वसुंधरा सरकार की तरह भ्रष्टाचार नहीं कर सकता।
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