राजसमंद। मंगलवार को चले एक नाटकीय घटनाक्रम में जेके प्रबंधन ने इंटक के 5 कर्मचारियों को निलम्बित कर दिया। इंटक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि संगठन की ओर से प्रबंधन को दिए गए 36 घंटे के अल्टीमेटम के बाद जेके प्रबंधन की ओर से द्वेषपूर्ण तरीके से यह कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि संगठन के 5 कर्मचारियों के अचानक और अकारण किए गए इस निलंबन के संबंध में मंगलवार को संगठन की एक आपाताकालीन बैठक बुला कर इसका विरोध दर्ज करवाया गया। उन्होंने बताया कि जेके प्रबंधन की ओर से एक अन्य यूनियन के दबाव में आकर की गई इस कार्रवाई का इंटक की ओर से भरसक विरोध किया जाएगा। मिश्रा ने जेके प्रबंधन पर पिछले कई वर्षो से मजदूरों का शोषण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों के समर्थन में खडी हुई इंटक को खत्म करने के लिए की जा रही इस प्रकार की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इनका किया निलंबनजेके प्रबंधन ने मंगलवार को संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सज्ान सिंह व वीरेन्द्र मिश्रा व सह महामंत्री भगवतसिंह के साथ वरिष्ठ कार्यकर्ता माधोसिंह और फतहसिंह को निलंबित कर दिया।
उन्होंने बताया कि संगठन के 5 कर्मचारियों के अचानक और अकारण किए गए इस निलंबन के संबंध में मंगलवार को संगठन की एक आपाताकालीन बैठक बुला कर इसका विरोध दर्ज करवाया गया। उन्होंने बताया कि जेके प्रबंधन की ओर से एक अन्य यूनियन के दबाव में आकर की गई इस कार्रवाई का इंटक की ओर से भरसक विरोध किया जाएगा। मिश्रा ने जेके प्रबंधन पर पिछले कई वर्षो से मजदूरों का शोषण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों के समर्थन में खडी हुई इंटक को खत्म करने के लिए की जा रही इस प्रकार की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इनका किया निलंबनजेके प्रबंधन ने मंगलवार को संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सज्ान सिंह व वीरेन्द्र मिश्रा व सह महामंत्री भगवतसिंह के साथ वरिष्ठ कार्यकर्ता माधोसिंह और फतहसिंह को निलंबित कर दिया।
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