राजसमंद। जिले में पिछले काफी समय से राष्ट्रीय राजमार्ग-आठ पर लुटेरे सक्रिय हैं और वे लगातार लूट की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस कुछ ही मामलों में चालान पेश कर सकी है तो कुछ में एफआर लगा दी गई है। लूट की महज एक वारदात में पुलिस अनुसंधान कर रही है।
बढ रही लूट की घटनाहाइवे पर लुटेरों का हौसला बुलंद है और वह बेखौफ वारदात को अंजाम दे रहे हैं। वर्ष 2007 में जहां लूट की दो घटनाएं हुई, वहीं वर्ष 2008 में इनकी संख्या बढ कर तीन हो गई है। चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक महज चार माह में लूट की दो वारदातें हो चुकी हैं।
इन थाना क्षेत्रों में लूटवर्ष 2007 में दिवेर थाना क्षेत्र में लूट की दो घटनाएं हुईं। *25 जून 2007 छापली घाटा में लूट की पहली घटना सुबह लगभग सात बजे हुई, यहां लुटेरों ने हजारों रूपए की नकदी राशि लूटी। * 12 अगस्त 2007 लुटेरों ने रात 11 बजे भैरा गुडा में वारदात को अंजाम दिया। *वर्ष 2008 में चारभुजा थाना क्षेत्र में पांच जनवरी को रात डेढ बजे लुटेरों ने पडासली पुलिया के पास लूटपाट की। इसके बाद 20 जनवरी को राजनगर थाना क्षेत्र में बडारडा के पास रात दो बजे लूट की घटना हुई। नाथद्वारा थाना क्षेत्र में उपली ओडन के समीप चार अप्रेल की रात 11 बजे लूटपाट हुई। वर्ष 2009 में देवगढ थाना क्षेत्र में कामलीघाट रात सवा बारह बजे और तीन अगस्त को रात ढाई बजे पीपली नगर में लूट की दूसरी घटना हुई।
तीन में चालान, तीन में एफआरलूट की बढती वारदात के बाद दिवेर पुलिस ने लूट की दोनों घटनाओं का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और चालान पेश किया। इसी प्रकार नाथद्वारा पुलिस ने भी मामले का पर्दाफाश करते हुए लूट की हुई एक घटना में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। चारभुजा, राजनगर व देवगढ थाना क्षेत्र में हुई लूट की घटनाओं में एफआर लगी।
अनुसंधान जारी देवगढ थाना क्षेत्र में हुई लूट की एक घटना में पुलिस अनुसंधान कर रही है। हालांकिहाइवे पर बढती लूट की घटना को देखते हुए पुलिस अधीक्षक नितिनदीप ब्लग्गन के निर्देश के बाद हाइवे पर पुलिस गश्त बढा दी गई है।
इनका कहना हैलूट की दो घटनाओं में से एक में लुटेरे गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि, दूसरे मामले में अनुसंधान चल रही है। लीलाधर मालवीय, थानाधिकारी देवगढ
लूट की घटनाओं में इतनी वृद्धि नहीं हुई है। हाइवे पर पुलिस लगातार गश्त कर रही है।
बढ रही लूट की घटनाहाइवे पर लुटेरों का हौसला बुलंद है और वह बेखौफ वारदात को अंजाम दे रहे हैं। वर्ष 2007 में जहां लूट की दो घटनाएं हुई, वहीं वर्ष 2008 में इनकी संख्या बढ कर तीन हो गई है। चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक महज चार माह में लूट की दो वारदातें हो चुकी हैं।
इन थाना क्षेत्रों में लूटवर्ष 2007 में दिवेर थाना क्षेत्र में लूट की दो घटनाएं हुईं। *25 जून 2007 छापली घाटा में लूट की पहली घटना सुबह लगभग सात बजे हुई, यहां लुटेरों ने हजारों रूपए की नकदी राशि लूटी। * 12 अगस्त 2007 लुटेरों ने रात 11 बजे भैरा गुडा में वारदात को अंजाम दिया। *वर्ष 2008 में चारभुजा थाना क्षेत्र में पांच जनवरी को रात डेढ बजे लुटेरों ने पडासली पुलिया के पास लूटपाट की। इसके बाद 20 जनवरी को राजनगर थाना क्षेत्र में बडारडा के पास रात दो बजे लूट की घटना हुई। नाथद्वारा थाना क्षेत्र में उपली ओडन के समीप चार अप्रेल की रात 11 बजे लूटपाट हुई। वर्ष 2009 में देवगढ थाना क्षेत्र में कामलीघाट रात सवा बारह बजे और तीन अगस्त को रात ढाई बजे पीपली नगर में लूट की दूसरी घटना हुई।
तीन में चालान, तीन में एफआरलूट की बढती वारदात के बाद दिवेर पुलिस ने लूट की दोनों घटनाओं का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और चालान पेश किया। इसी प्रकार नाथद्वारा पुलिस ने भी मामले का पर्दाफाश करते हुए लूट की हुई एक घटना में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। चारभुजा, राजनगर व देवगढ थाना क्षेत्र में हुई लूट की घटनाओं में एफआर लगी।
अनुसंधान जारी देवगढ थाना क्षेत्र में हुई लूट की एक घटना में पुलिस अनुसंधान कर रही है। हालांकिहाइवे पर बढती लूट की घटना को देखते हुए पुलिस अधीक्षक नितिनदीप ब्लग्गन के निर्देश के बाद हाइवे पर पुलिस गश्त बढा दी गई है।
इनका कहना हैलूट की दो घटनाओं में से एक में लुटेरे गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि, दूसरे मामले में अनुसंधान चल रही है। लीलाधर मालवीय, थानाधिकारी देवगढ
लूट की घटनाओं में इतनी वृद्धि नहीं हुई है। हाइवे पर पुलिस लगातार गश्त कर रही है।
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