Wednesday, September 9, 2009

'राज' बदलते ही 'काज' बदला

गिलूण्ड। इसे राज बदलते ही काज बदला नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे। पूर्व राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत सिंचाई विभाग के कई कार्य नई सरकार की ओर से बजट जारी नहीं करने से अटक गए हैं।पूर्व सरकार ने डेढ वर्ष पूर्व नदी पर काजवे, पाल व एनिकट निर्माण एवं तालाबों की मरम्मत के लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृतियां दी थी।

सिंचाई विभाग के कार्यादेश के आधार पर कुछ ठेकेदारों ने कार्य भी शुरू कर दिया, लेकिन कुछ दिनों बाद बजट नहीं मिलने से ठेकेदार कार्य अधूरा छोड गए। कई जगह कार्य पूरा हो गया, लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
यहां पडे हैं अधूरे कार्यरेलमगरा तहसील के गिलूण्ड-गांगास मार्ग पर 30 लाख रूपए लागत से स्वीकृत काजवे कम एनिकट निर्माण कार्य नींव खोद कर अधूरा छोड दिया गया है। देवगढ में दांतादेव और कुंभलगढ में बडगुला एनिकट का निर्माण कार्य भी अधूरा है। इसी प्रकार 5 लाख की लागत से बनने वाला आमेट तहसील में पदलाई एनिकट, 10 लाख की लागत का कुंभलगढ तहसील में बडगांव एनिकट, 18 लाख का पानेरियों की मादडी व बोर का नाका में एनिकट का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाए हैं।
31 कायोंü के लिए चार करोडकुंभलगढ, आमेट, राजसमंद व देवगढ तहसीलों में करीब 31 कार्यों के लिए कुल चार करोड रूपए स्वीकृत किए गए थे। अघिकतर कार्य ठेकेदारो ने अपने स्तर पर पूर्ण करा दिए, लेकिन इनको अब तक भुगतान नहीं हुआ है। आमेट तहसील के आगरिया, खबो का नाका, डेडबारा का नाका, शोभागपुरा, गोपालपुरा, रूपा का बाडा, छापरडा, निंबो का नाला, संदूकों का गुडा, कनिका धराय, वेलेन्तरी का नाका, शिशोदिया का गुडा, पडादरा, मामादेव, काटा का अयंतरा, बांसावला की मांची, सुखार गांव, चोरडा, राजसमंद तहसील के पटपडा, आरणा रेलमगरा तहसील क्षेत्र के खडबानिया गांव का गुलाब सागर आदि एनिकटों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया।
इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। राजसमंद सिंचाई विभाग के अघिकारी ही इस बारे में विस्तृत जानकारी दे सकते हैं।डी.एल. डांगी, मुख्य अघिशासी अभियंता
सिंचाई विभाग उदयपुर : कुछ कार्य बजट नहीं मिलने से अधूरे है तो कुछ शुरू ही नहीं हो पाए। विभाग की ओर से बजट के लिए लिखा गया, लेकिन अब तक जारी नहीं हो पाया है।

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