लसानी। इलाके में ग्रामीणों को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड रहा है। पेयजल के प्रमुख स्रोत खारी नदी में पानी की आवक न होने से स्थिति गंभीर बनी हुई है। इसके चलते विभाग के तीनों कुओं में नाम मात्र का पानी रह गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि कुआं नम्बर दो की मशीन 24 घंटों में से केवल दो घंटे चलती है। जबकि, कुआं नम्बर तीन से 48 घंटों में मात्र आधे घंटे पेयजल आपूर्ति होती है। स्थिति यह है कि ग्रामीणों को पानी की तलाश में दूरदराज के गांवों का चक्कर लगाना पड रहा है।
धनाढ्य लोग टैंकर से पानी मंगवा रहे हैं। इलाके में आठ दिन के अंतराल पर अल्पदाब से पेयजल आपूर्ति हो रही है जिससे मुश्किल और भी बढ गई है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें दो किलोमीटर दूर से पानी लाकर प्यास बुझानी पड रही है। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र ही क्षेत्र में उचित दाब से पेयजल आपूर्ति करवाने की मांग की है।
पानी की कमी के चलते आठ दिन से पहले जलापूर्ति संभव नहीं है। इसके बारे में विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। -मनोहरदास वैष्णव, पंप चालक जन स्वास्थ्य व अभियांत्रिकी विभाग, लसानी
Thursday, September 17, 2009
पेयजल संकट से जूझता लसानी
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