Monday, September 21, 2009

करोड का बजट बाबू के हवाले

राजसमंद। जिला आयोजना समिति का सचिवालय जिला योजना प्रकोष्ठ बदहाल है। जिलेभर में पंचवर्षीय योजना (2007-12) के तहत प्रस्तावित 120
करोड रूपए से अघिक के विकास कार्यो की प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी करने का काम सिर्फ एक बाबू के जिम्मे है। प्रकोष्ठ में प्रशासनिक स्तर के कुल सात पद
हैं जिनमें से छह कई वर्षो से रिक्त हैं। सिर्फ एक पद पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नियुक्त है। कार्य के 'सफल संचालन' के लिए एक लिपिक को आयोजना सहायक
का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
क्या है जिला योजना प्रकोष्ठ73वें व 74वें संविधान संशोधन के बाद जिला आयोजना समिति का गठन किया गया व इसे जिले के विकास के लिए एक व पांच वर्षो के लक्ष्य व उद्देश्य
निर्धारण का जिम्मा सौंपा गया। इसके माध्यम से ही गांव, पंचायत समिति व जिला स्तर पर योजनाएं तैयार कर करोडों रूपए खर्च किए जाने हैं। गौरतलब है
कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत जिले के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 32990.89 लाख व संपूर्ण पंचवर्षीय योजना के दौरान 120219.022 लाख
रूपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है।

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