Sunday, September 20, 2009

गले मिले, दी बधाइयां

राजसमंद। शहर सहित जिलेभर में रविवार को बोहरा समाज ने हर्षोल्लास के साथ ईद का पर्व मनाया। सोमवार को
मुस्लिम समुदाय की ओर से ईद मनाई जाएगी। बडों व बच्चों ने एक-दूसरे को ईदी पेश की और परस्पर गले मिलकर
बधाइयां दीं। बच्चों ने जहां मनचाही वस्तुओं की खरीदारी का आनंद लिया, वहीं बडों ने सामूहिक भोज सहित
स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
चांदपोल स्थित बुरहानी मस्दिज में सवेरे साढे सात बजे ईद की नमाज का खुतबा पढा गया। इमामत सदर शेख
सैफुद्दीन 'भाई साहब' ने की। इसके बाद धवल वस्त्रों में सजे-धजे जमात के पुरूषों-बच्चों व रंगीन परिधानों में
सजी-धजीं महिलाओं की मौजूदगी में ईद की खुशी की मजलिस हुई। डॉ. सैयदना साहब की दीर्घायु की कामना के
बाद सभी ने परस्पर ईद की मुबारकबाद पेश की। आयोजन के बाद जमात के सभी सदस्यों में शिरखुरमा का वितरण
किया गया। शाम के वक्त शहर के नौ चौकी पाल पर सामूहिक भोज व ईद मिलन का कार्यक्रम हुआ। जहां सभी ने
परस्पर गले मिलकर बधाइयां दी। बोहरा जमात कमेटी के सदस्य शब्बीर हुसैन बोहरा ने बताया कि बच्चों ने भी ईदी
पेश की।
नाथद्वारा। नगर की बोहरा जमात में हर्षोल्लास के साथ ईद मनाई गई। सुबह से ही बोहरवाडी में चहल-पहल बनी रही
जो देर रात तक चली। ईदी की राशि से बच्चों ने मनचाही खरीदारी की। मस्जिद परिसर में ही ईद मिलन का
आयोजन हुआ और सभी ने एक-दूसरे के गले मिल कर बधाइयां दीं। संध्या के समय बोहरा समाज के लोगों ने
चौपाटी, माणक चौक, सर्राफा बाजार, दिल्ली बाजार व बस स्टैण्ड स्थित दुकानों पर विविध व्यंजनों का आनन्द
लिया।मुस्लिम समुदाय की ओर से ईद का त्यौहार सोमवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इंतजामीया कमेटी
आम मुस्लिम समाज कांकरोली की ओर से सोमवार को ईद का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। कमेटी के
सचिव ने बताया कि
सुबह नौ बजे सलुस रोड स्थित ईदगाह पर नमाज होगी।
कुंवारिया। रमजान माह खुदा की इबादत के लिए जाना जाता है। महीने के अंत में आने वाली ईद खुशी का पर्व होता
है। यह बात कस्बे की मस्जिद के मौलाना अशफाक अहमद ने ईद का महत्व बताते हुए कही। उन्होंने कहा कि रमजान
के माह में रोजे रखने व नेकी के कार्य करने से अल्लाह प्रसन्न होते हैं। रमजान के अंत में आने वाली ईद का अनुभव
उस विद्यार्थी के जैसा है, जिसने कडी मेहनत से परीक्षा में कामयाबी प्राप्त की हो। रमजान में हर मुसलमान की
हरारते इमानी का इम्तिहान लिया जाता है। जीवन का एक बेहतरीन दस्तुरूल अमल पाकर एक महीने के सख्त
इम्तिहान में कामयाब होकर जो खुशी मिलती है, उसी का नाम ईद है। ईदगाह में जाना, नमाज अदा करना,
एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई देना आदि हर मुसलमान का सिवाह है।

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