Sunday, July 5, 2009

बोधि दिवस विविध कार्यक्रम का आयोजन

राजसमन्द। तेरापंथ के आद्य प्रवर्तक आचार्य भिक्षु का जन्म दिवस एवं 252वां बोधि दिवस रविवार को भिक्षु बोधि स्थल राजनगर मे मुनि सुरेश कुमार के सान्निध्य में समारोह पूर्वक मनाया गया।
समरोह को सम्बोधित करते हुए मुनि सुरेश कुमार ने बोधि दिवस को राजनगर के तत्वज्ञ श्रावकाें की दूरअंदेशी सुझबूझ का नजीता करार देते हुए कहा कि आचार्य भिक्षु की महावीर के वाणी के प्रति विश्वास वाकई बेमिसाल था, इसी विश्वास की बदोलत खिलाफतों की बेशुमार तूफानाें से गुजरते हुए तेरापंथ आज आसमानी उंचाई छू रहा है।
मुनि सम्बोध कुमार ने कहा कि इतिहास उन्हें पन्नाें पर इबारत लिखने की हरगित इजाजत नहीं देता जो महज सांस लेने को ही जिन्दगी मानने की गलती कर बैठते हैं। नवदीक्षित मुनि विनयरूचि ने कल्पतरू का बीज फलया, बलिदाना रा सुमन खिल्या गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर समारोह के अध्यक्ष डॉ बालकृष्ण गर्ग बालक ने कहा धर्म के नाम पर लुट खसौट चल रही थी तब आचार्य भिक्षु ने अपाहित होते अनुशासन को नया सरोकार दिया। समारोह में मुख्य अतिथि न्यायविद बसंतीलाल बाबेल, केलवा तेरापंथ सभाध्यक्ष देवीलाल कोठारी ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन मुनि सम्बोध कुमार ने किया।
महिला मंडल अध्यक्षा लाड मेहता ने बताया कि भिक्षु बोधि दिवस पर तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में आायोजित भिक्षु वन व्रेथ प्रतियोगिता में रेखा मांडोत प्रथम, प्रेमलता कावडिया द्वितीय, सीमा मांडोत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं नीता कावडिया,चंचल चपलोत, सुनीता नवलखा ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। संचालन कन्या मंडल संयोजिका स्वाती मादरेचा ने किया।
सम्बोधि उपवन : धानीन स्थित सम्बोधि उपवन परिसर में ध्यान मुनि शुभकरण एवं मुनि सिध्दार्थ कुमार के सान्निध्य में भिक्षु बोधि दिवस एवं चातुर्मास प्रवेश समारोह आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश बनवारीलाल शर्मा थे, अध्यक्षता मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद रामपाल शर्मा ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में जीव जन्तु संस्थान जोधपुर के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजपुरोहित, भागीरथ दाधीच उपस्थित थे। समारोह को सम्बोधित करते हुए मुनि शुभकरण ने कहा कि व्यक्ति चातुर्मास काल में अपने अन्तर्मन को जागृत करे, समत्व एवं संयम की साधना करे। उन्होने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन को सुखी बनाना चाहता है तो उसे छोटे छोटे संकल्पों को ग्रहण कर उनकी पूर्णता के लिए अभ्यास करना चाहिए। मुख्य अतिथि बनवारी लाल शर्मा ने कहा कि आचार्य भिक्षु ने समाज को नई दिशा प्रदान की वहीं भगवान महावीर ने जीओ और जीने दो का संदेश देकर प्राणी मात्र के कल्याण की कामना की। समारोह के अध्यक्ष रामपाल शर्मा ने लोक कल्याण के कार्यों में जन जन की सहभागिता का आह्वान करते हुए महावीर के अहिंसा दर्शन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राजपूरोहित, श्रीमती सुशीला बडाला, खुमाणचन्द्र डांगरा, एडवोकेट बसन्तीलाल सरूपरिया, हरकलाल बडाला, धमर्ेंश डांगी, रोशनलाल मेहता, भंवरलाल कोठारी, प्रेक्षा, नेकी, सूरज ने भी विचार व्यक्त किया। समारोह के प्रारंभ में मुनि सिध्दार्थ कुमार ने गीतिका एवं सारिका जैन ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। भामाशाह अंटालिया निवासी खीमराज सोलंकी का शाल ओढाकर सम्मान किया गया। संयोजन शिक्षाविद चतुर कोठारी ने किया।

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