Wednesday, July 8, 2009

गुरू पूर्णिमा ज्ञान दीक्षा, जप, यज्ञ और संकल्प के साथ सम्पन्न

राजसमन्द। गुरू पूर्णिमा का पर्व मंगलवार को गायत्री शक्तिपीठ परिसर में श्रध्दा भाव से मनाया गया। इस अवसर पर ध्यान, जप, यज्ञ, दीक्षा, विभिन्न संस्काराें और सद संकल्पें के साथ सम्पन्न हुआ। गुरू पूजन के बाद प्रात: आठ बजे से ज्ञानशाला में हवन प्रारंभ हुआ जिसमें सैकडाें साधकों ने गायत्री, महाकाल, महाशक्ति, वरूण, सूर्य और महामृत्युंजय की विशिष्ट आहुतियां दी। दोपहर को देव संस्कृति सभागार में गायत्री परिवार पुष्कर जोन प्रतिनिधि घनश्याम पालीवाल की अध्यक्षता एवं जिला पंजीयन बीएस राजपुरोहित के मुख्य आतिथ्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मेवाड के वरिष्ठ गायत्री परिजनों, साधकाें ने भाग लिया। संगोष्ठी को घनश्याम पालीवाल ने सम्बोधित करते हुए शिक्षा प्रसार एवं हरितमा चेतना के ग्राम विद्यालय सम्पर्क अभियान की भी जानकारी दी। मुख्य अतिथि राजपुरोहित ने गायत्री परिवार को धर्म तंत्र से लोक शिक्षण का महत्वपूर्ण प्रकल्प बताया। इससे पूर्व गायत्री परिवार के बद्रीलाल शर्मा, भंवरलाल पालीवाल, नाथूलाल कुमावत, मनोहरलाल माहेश्वरी, नन्दलाल पालीवाल, देवीलाल पालीवाल, रामचन्द्र पालीवाल, घनश्याम शर्मा ने अतिथियाें का स्वागत किया। इससे पूर्व गायत्री विद्या मंदिर में भी गुरू पूर्णिमा श्रध्दा से मनाई गई जिसमें मुकेश राही ने गुरू महिमा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर दिनेश श्रीमाली, गिरजाशंकर पालीवाल, प्रधानाध्यापक रमेश शर्मा, प्रवीण पालीवाल ने भी विचार व्यक्त किए।

No comments: