Friday, June 26, 2009

शुध्द के लिए युध्द अभियान नहीं होकर एक हवन के समान है

राजसमन्द। शुध्द के लिए युध्द अभियान नहीं होकर एक हवन के समान है। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को शरीक होकर एवं रहकर आहूती देनी है। देरी से सही परन्तु समय पर उठाया गया उचित एवं आवश्यक कदम है। प्रदेश की जनता के लिए सरकारे कई कार्य करवाती रही है परन्तु शुध्दता के लिए जो र्काक्रम का बीडा उठाया है वह प्रशंसनीय है। उक्त विचार एडवोकेट गिरिशचन्द्र पुरोहित एवं दीपक परमार ने सरकार द्वारा चलाए जा रहे शुध्द के लिए युध्द अभियान के तहत आम नागरिकाें की प्रतिक्रिया से रूबरू कराते हुए व्यक्त किए। उन्होने व्यापारियाें को हडताला का रास्ता छोडकर प्रदेश की जनता के हिताें को ध्यान में रखने का आह्वान किया। उन्होने बताया कि व्यापारियाें द्वारा बाजार बंद रखने से खाद्यान्न का भारी संकट खडा हो गया है इसे किसी भी स्थिति में न्यायोचित कदन नहीं कहा जा सकता है इसके लिए सरकार को दण्डात्मक कार्रवाई भी करनी पउे तो करनी चाहिए अन्यथा जनता व व्यापारियों के मध्य टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। उन्होने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए शुध्द के लिए युध्द अभियान को कठोरता से अंजाम तक पहुंचाने की मंशा जाहिर की।

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