Tuesday, June 23, 2009

डकैती व लूट के आरोपियों को सात वर्ष की कैद

राजसमन्द। । जिले के रेलमगरा क्षेत्र के सोनियाणा-खडबामणिया सरहद पर चार माह पूर्व हुई डकैती एवं लूट के मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक) चंद्रशोखर शर्मा ने तीन जनों को दोषी मानते हुए सात वर्ष की कैद एवं आठ-आठ हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया।
अपर लोक अभियोजक बापूलाल ओस्तवाल ने बताया कि चार फरवरी 09 को सोनियाणा निवासी शंभू सिंह राजपूत पुत्र राम सिंह ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि उसका सिजारी मांगीलाल पुत्र रता भील तीन फरवरी 09 की रात खेतों की रखवाली करने गया। उस वक्त उसके पास बंदूक भी थी। रात करीब डेढ बजे सिजारी के बेटे कालूराम ने फोन पर सूचना दी कि उसके पिता सोए हुए थे कि चोर आए और मारपीट कर मांगीलाल के गले से मादलिया व बंदूक ले गए। इस पर वह और जोरावर सिंह मांगीलाल के घर पहुंचे जहां वह घायल अवस्था में था। उसे रेलमगरा चिकित्सालय के लिए रवाना किया और वह, जोरावर सिंह, कालूराम एवं अन्य ने पुलिस को सूचित कर डकैतों की तलाश शुरू की। छतरी खेडा से चार किमी आगे डकैतों का पीछा कर घेराबंदी कर काबरा निवासी देवा पुत्र भगवान वागरिया, सलोदा खमनोर निवासी भीमा पुत्र लोगर वागरिया एवं ओडवाडिया डबोक निवासी राजु पुत्र छगन वागरिया को पकड लिया। तीनों की तलाशी ली तो देवा के कब्जे से सोने का मादलिया मिला। पुलिस ने मामले की तफ्तीश कर अदालत में चालान पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाह एवं बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाह पेश हुए। अदालत ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के उपरांत तीनों आरोपियों के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मानते हुए विभिन्न धाराओं में सात-सात वर्ष का कारावास एवं आठ-आठ हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक बापूलाल ओस्तवाल ने पैरवी की।

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