राजसमन्द। रुपए-पैसे की भागमभाग में आमतौर पर व्यक्ति अपने रिश्ते और संवेदना ही भूलता जा रहा है। वहीं गुरुवार शाम को जिला कलक्ट्रेट परिसर में जीव के प्रति दया भाव का एक अनूठा उदाहरण देखने को मिला।
वाकया कुछ यूं हुआ कि जिला कलक्ट्रेट में गुरुवार शाम एक कार्यालय में कबूतर घुस गया। उस वक्त कमरे में बिजली बंद होने से कबूतर एक पंखे पर बैठ गया। कुछ देर बाद जब बिजली आई तो कबूतर संभल नहीं पाया और पंखे की चपेट में आने से वह जख्मी होकर अचेत हो गया। इस पर सर्व शिक्षा अभियान का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दुर्गालाल, किशन गमेती तथा संतोष कुंवर ने जख्मी कबूतर को पकड़ कर उसे पानी पिलाकर करीब आध घंटे तक उसकी सुश्रुषा की। इसके बाद जब उसके पंखों में हरकत हुई तो उसे एक व्यवस्थित स्थान पर चुग्गा पानी की व्यवस्था कर बैठाया। इस अवसर पर सहायक परियोजना समन्वयक रमेश वैष्णव, नंदकिशोर राजपूत आदि ने भी सुश्रुषा में सहयोग दिया।
वाकया कुछ यूं हुआ कि जिला कलक्ट्रेट में गुरुवार शाम एक कार्यालय में कबूतर घुस गया। उस वक्त कमरे में बिजली बंद होने से कबूतर एक पंखे पर बैठ गया। कुछ देर बाद जब बिजली आई तो कबूतर संभल नहीं पाया और पंखे की चपेट में आने से वह जख्मी होकर अचेत हो गया। इस पर सर्व शिक्षा अभियान का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दुर्गालाल, किशन गमेती तथा संतोष कुंवर ने जख्मी कबूतर को पकड़ कर उसे पानी पिलाकर करीब आध घंटे तक उसकी सुश्रुषा की। इसके बाद जब उसके पंखों में हरकत हुई तो उसे एक व्यवस्थित स्थान पर चुग्गा पानी की व्यवस्था कर बैठाया। इस अवसर पर सहायक परियोजना समन्वयक रमेश वैष्णव, नंदकिशोर राजपूत आदि ने भी सुश्रुषा में सहयोग दिया।
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