राजसमन्द। 'शुध्द के लिए युध्द' अभियान का विरोध कर रहे व्यापारियों के लाइसेंस निरस्त कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दण्डित करने की मांग को लेकर लोक चेतना मंच राजसमंद के एक प्रतिनिधिमण्डल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया।
मंच के जिलाध्यक्ष प्रजीत तिवारी ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे शुध्द के लिए युध्द अभियान के तहत उपभोक्ताओं को शुध्द खाद्य सामग्री एवं प्रामाणिक वस्तु प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया जा रहा है। वहीं इस अभियान के खिलाफ व्यापारिक संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया जो सर्वथा अनुचित है। राजसमंद जिला मुख्यालय एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के व्यापारियों ने आवश्यक वस्तुओं की खुदरा किराणे की दुकानें विगत तीन दिन से बंद कर रखी है जिससे आम जनता को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। खाद्यान्न वस्तुओं की किमतें कई गुणा बढ़ चुकी है। तिवारी ने कहा कि उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं सरकारी माध्यम से प्रदान की जावे तथा हठधर्मिता पर उतारू व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जावे। तिवारी ने बताया कि गुरुवार से दूध व्यवसायियों ने भी हड़ताल शुरू कर दी है दैनिक जीवन में यह सबसे महत्वपूर्ण वस्तु है तथा छोटे बच्चे, वृध्द और रोगियों के लिए आवश्यक है। ऐसे में उनकी हड़ताल पर रोक लगे तथा दोषी के खिलाफ एस्मा कानून के तहत कार्रवाई की जावे।
मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमण्डल में कमलेश पालीवाल, देवेन्द्र सालवी, ललित साहू, भरत पालीवाल, मनीष दाधीच, श्याम सुंदर पालीवाल, अमित सरूपरिया, गिरिशचंद्र पुरोहित आदि साथ थे।
मंच के जिलाध्यक्ष प्रजीत तिवारी ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे शुध्द के लिए युध्द अभियान के तहत उपभोक्ताओं को शुध्द खाद्य सामग्री एवं प्रामाणिक वस्तु प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया जा रहा है। वहीं इस अभियान के खिलाफ व्यापारिक संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया जो सर्वथा अनुचित है। राजसमंद जिला मुख्यालय एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के व्यापारियों ने आवश्यक वस्तुओं की खुदरा किराणे की दुकानें विगत तीन दिन से बंद कर रखी है जिससे आम जनता को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। खाद्यान्न वस्तुओं की किमतें कई गुणा बढ़ चुकी है। तिवारी ने कहा कि उपभोक्ताओं को रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं सरकारी माध्यम से प्रदान की जावे तथा हठधर्मिता पर उतारू व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जावे। तिवारी ने बताया कि गुरुवार से दूध व्यवसायियों ने भी हड़ताल शुरू कर दी है दैनिक जीवन में यह सबसे महत्वपूर्ण वस्तु है तथा छोटे बच्चे, वृध्द और रोगियों के लिए आवश्यक है। ऐसे में उनकी हड़ताल पर रोक लगे तथा दोषी के खिलाफ एस्मा कानून के तहत कार्रवाई की जावे।
मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमण्डल में कमलेश पालीवाल, देवेन्द्र सालवी, ललित साहू, भरत पालीवाल, मनीष दाधीच, श्याम सुंदर पालीवाल, अमित सरूपरिया, गिरिशचंद्र पुरोहित आदि साथ थे।
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