राजसमन्द। नशा कोई भी हो जब चढ़ता है तो सिर चढ़कर कर बोलने लगता है। हालांकि नशीली वस्तु का नशा कुछ समय अंतराल में ही समाप्त हो जाता है लेकिन पद का नशा जब चढ़ता है तो पदधारक को यह भान नहीं रहता कि वह किससे रूबरू हो रहा है। ऐसा ही कुछ सोमवार दिन में नरेगा योजना की कार्यक्रम अधिकारी प्रेमलता सालवी ने जिला परिषद सदस्य ललित चोरड़िया के साथ बर्ताव किया।
हुआ यूं कि जिला परिषद सदस्य ललित चोरड़िया ने सोमवार दिन में कनिष्ठ अभियंता नरेगा छगनलाल से सेलफोन पर सम्पर्क कर ग्राम पंचायत चारभुजा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से सेवंत्री रोड तक खुर्रा सड़क का तकमीना बनाने का आग्रह किया। कुछ समय बाद कार्यक्रम अधिकारी प्रेमलता सालवी ने कार्यालय से चोरड़िया से सेलफोन पर सम्पर्क कर सीधे ही कहने लगी कि आपने किस हैसियत से मेरे कनिष्ठ अभियंता से बात की। मैं प्रोग्राम अधिकारी हूं, मुझसे बात करो। आपकों नरेगा में कोई काम कराना है तो मुझे प्रार्थना पत्र दो। चोरडिया ने बताया कि कार्यक्रम अधिकारी से शांतिपूर्ण बात करने का आग्रह करने के बावजूद वह अपने तीखे तेवर दिखाने लगी।
चोरड़िया ने बताया कि कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती प्रेमलता सालवी की कार्यशैली एवं अभद्र व्यवहार के कारण पंचायत समिति के अधिकांश सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जनप्रतिनिधि, ग्राम सचिव एवं सरकारी कर्मचारी लम्बे समय से परेशान है। नरेगा अधिकारी की तानाशाही एवं लापरवाही के चलते नरेगा कार्यो की उपयोगिता प्रमाण पत्र स्वीकृत करने में तीन-तीन माह लग जाते है। चोरड़िया ने बताया कि उपयोगिता प्रमाण पत्र की मंजूरी नहीं देने से कुम्भलगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में 31 मार्च तक सम्पन्न नरेगा कार्यो के पेटे 13 करोड़ रुपए मजदूरों का भुगतान आज दिन तक बाकी है। कार्यक्रम अधिकारी को हटाने के लिए पूर्व में उपखण्ड स्तर के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों ने जिला कलक्टर राजसमंद को लिखित में शिकायत दे रखी है।
चोरड़िया ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम अधिकारी के पति गणपत लाल प्रतिदिन सरकारी गाड़ी में साथ रह कर नरेगा कार्य का निरीक्षण करते है। निरीक्षण के दौरान गणपतलाल प्राय: ग्राम सेवक, सहायक सचिव, मेट एवं मजदूरों को लताडते है। चोरड़िया ने आरोप लगाया कि नरेगा कार्य के निरीक्षण के बहाने कार्यक्रम अधिकारी प्रेमलता सालवी वाहन का उपयोग जिले से बाहर उदयपुर तक करती है।
हुआ यूं कि जिला परिषद सदस्य ललित चोरड़िया ने सोमवार दिन में कनिष्ठ अभियंता नरेगा छगनलाल से सेलफोन पर सम्पर्क कर ग्राम पंचायत चारभुजा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से सेवंत्री रोड तक खुर्रा सड़क का तकमीना बनाने का आग्रह किया। कुछ समय बाद कार्यक्रम अधिकारी प्रेमलता सालवी ने कार्यालय से चोरड़िया से सेलफोन पर सम्पर्क कर सीधे ही कहने लगी कि आपने किस हैसियत से मेरे कनिष्ठ अभियंता से बात की। मैं प्रोग्राम अधिकारी हूं, मुझसे बात करो। आपकों नरेगा में कोई काम कराना है तो मुझे प्रार्थना पत्र दो। चोरडिया ने बताया कि कार्यक्रम अधिकारी से शांतिपूर्ण बात करने का आग्रह करने के बावजूद वह अपने तीखे तेवर दिखाने लगी।
चोरड़िया ने बताया कि कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती प्रेमलता सालवी की कार्यशैली एवं अभद्र व्यवहार के कारण पंचायत समिति के अधिकांश सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जनप्रतिनिधि, ग्राम सचिव एवं सरकारी कर्मचारी लम्बे समय से परेशान है। नरेगा अधिकारी की तानाशाही एवं लापरवाही के चलते नरेगा कार्यो की उपयोगिता प्रमाण पत्र स्वीकृत करने में तीन-तीन माह लग जाते है। चोरड़िया ने बताया कि उपयोगिता प्रमाण पत्र की मंजूरी नहीं देने से कुम्भलगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में 31 मार्च तक सम्पन्न नरेगा कार्यो के पेटे 13 करोड़ रुपए मजदूरों का भुगतान आज दिन तक बाकी है। कार्यक्रम अधिकारी को हटाने के लिए पूर्व में उपखण्ड स्तर के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों ने जिला कलक्टर राजसमंद को लिखित में शिकायत दे रखी है।
चोरड़िया ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम अधिकारी के पति गणपत लाल प्रतिदिन सरकारी गाड़ी में साथ रह कर नरेगा कार्य का निरीक्षण करते है। निरीक्षण के दौरान गणपतलाल प्राय: ग्राम सेवक, सहायक सचिव, मेट एवं मजदूरों को लताडते है। चोरड़िया ने आरोप लगाया कि नरेगा कार्य के निरीक्षण के बहाने कार्यक्रम अधिकारी प्रेमलता सालवी वाहन का उपयोग जिले से बाहर उदयपुर तक करती है।
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