Sunday, February 7, 2010

ग्रामीण प्रतिभाओं के लिए नहीं पृथक मंच

राजसमंद। वर्तमान में क्रिकेट को देश का धर्म व जुनून नाम दिया जाता है। आज इस खेल में पैसे व राजनीति दोनों का वर्चस्व बढ गया है, जिससे छोटे गांवों व ढाणियों की ग्रामीण प्रतिभाओं के लिए पृथक मंच नहीं होने से ग्रामीण प्रतिभाएं गांव में ही उभर कर ठहर जाती है। इन प्रतिभाओं के लिए जिला व राज्य स्तर पर पृथक मंच नहीं होने से उनका समुचित विकास नहीं हो पा रहा है।
ऎसे हो सकता है विकासग्रामीण प्रतिभाओं को अवसर देने के लिए प्रत्येक तहसील स्तर पर ग्रामीण क्रिकेट प्रतियोगिता हो। इन प्रतियोगिता में उन्हीं खिलाडियों को खेलने का अवसर मिले, जो इन ग्राम पंचायत क्षेत्र के हों। बाद में जिला व राज्य स्तर पर भी इसी प्रकार के आयोजन हो तो ग्रामीण क्षेत्र के क्रिकेट खिलाडियों को भी आगे आने का स्वर्णिम अवसर मिलेगा।
मैदानों का भी हो सुधारगांव की प्रतिभाओं को तराशने के लिए सुलभ खेल मैदान होंगे तो खेल गतिविघियां बारह माह चलेगी, जिससे मैदानों में धीरे-धीरे सभी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी।
अपने बूते पर करते हैं प्रयासफिलहाल ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न क्लबों के माध्यम से क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें ग्रामीण प्रतिभाएं पूरा दमखम दिखाते हुए शहरी टीमों को भी आईना दिखा देती हैं। इन प्रतियोगिताओं को कोई भी मान्यता नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र के टूर्नामेंट मात्र औपचारिकता बन कर ही रह जाते हैं।ग्रामीण खिलाडियों से बने जिला ग्रामीण टीमतहसील स्तर पर ग्रामीण क्रिकेट प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों का चयन कर जिला ग्रामीण टीम का चयन किया जाता है तो यह कार्य ग्रामीण खेल प्रतिभाओं के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।
ग्रामीण क्षेत्र में क्रिकेट को बडावा देने के लिए योजना बनानी चाहिए, जिससे ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर मिल सके। राजसमंद तहसील के क्रिकेट खिलाडी विजय तेली, अजय प्रजापत
क्रिकेट के खेल में ग्रामीण आयोजनों में जिला क्रिकेट संघ को भाग लेते हुए ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने के लिए सहयोग देना चाहिए। रेलमगरा तहसील क्षेत्र के खिलाडी सुनील पाराशर, राजेश टेपण
क्रिकेट की ग्रामीण प्रतिभाओं को वर्तमान में प्रोत्साहन व वित्तीय सुविधा की नितांत आवश्यकता हो रही है।आमेट तहसील के खिलाडी सुरेश कुमावत, हिमांशु
ग्रामीण क्षेत्र के लिए पृथक से वित्तीय कोष उपलब्ध हो जाए तो ग्रामीण क्षेत्र में क्रिकेट का अच्छा विकास होगा।क्रिकेट खिलाडी, जितेन्द्र सनाढ्य
गत वर्ष भी जिले की सभी तहसीलों में ग्रामीण क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन करने का प्रस्तावित था। इस कार्य के लिए डेढ लाख रूपए भी खर्च के लिए प्रस्तावित थे, लेकिन प्रर्याप्त टीमे नहीं आने से आयोजन नहीं हो सका। इस वर्ष जुलाई से सितम्बर माह के मध्य में ग्रामीण क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन करके ग्रामीण क्षेत्र में क्रिकेट को बढावा देने का प्रयास किया जाएगा।बीसीसीआई में विशेष आमंत्रित सदस्य गिरिराज सनाढ्य
देश की अघिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्र में बसती है ऎसे में राज्य सरकार, केन्द्र सरकार व जिला क्रिकेट संघों को भी ग्रामीण क्षेत्र में क्रिकेट को बढावा देने का प्रयास करना चाहिए तभी इस खेल में ग्रामीण प्रतिभाएं आगे आ सकेंगी। राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी

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