Tuesday, February 23, 2010

पेराफेरी का नियम बना सिरदर्द

कुंवारिया। समीपवर्ती भावा ग्राम पंचायत क्षेत्र के कुछ गांव पेराफेरी नियम के तहत नगरपालिका में चले जाने से ग्रामीण भूखण्ड के पट्टे सहित अन्य दस्तावेजों के लिए ग्राम पंचायत व नगरपालिका के बीच चक्कर काटने को विवश हैं।
भावा ग्राम पंचायत क्षेत्र में जनसंख्या के वृद्धि के साथ वर्षो पहले ग्रामीणों ने तरसिंगडा, बाघपुरा, प्रतापपुरा सहित अन्य गांवों में बसना शुरू कर दिया था। फिलहाल ये गांव पेराफेरी नियम के तहत नगरपालिका क्षेत्र में हैं।
तरसिंगडा के ग्रामीण बंशीलाल ने बताया कि उनके मकान तो ग्राम पंचायत क्षेत्र में है व उसका पट्टा सहित अन्य दस्तावेज बनाने का कार्य नगरपालिका करे तो कार्य काफी दुविधापूर्ण हो जाता है। इससे ग्राम पंचायत के आय के स्रोत भी टूट जाएंगे तथा बस्ती का विकास रूक जाएगा।
बाघपुरा के मोहनसिंह ने बताया कि पांच दशक से पुराने मकानों के पट्टे सहित अन्य परिवर्तन कराने का कार्य पंचायत न करके नगरपालिका कर रही है। ऎसे में ग्रामीण अनावश्यक आर्थिक बोझ उठाने को विवश हैं।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को पत्र प्रेषित करके ऎसे गांव व बस्तियां जो नगर पालिका क्षेत्र से काफी दूर बसी है, जहां नगरपालिका की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। ऎसे गांव व बस्तियों के पट्टे व अन्य दस्तावेजों के निर्माण का अधिकार ग्राम पंचायत को देने व पेराफेरी नियम में संशोधन करने की माग की है।
ग्राम पंचायत भाव के भूभाग के पट्टे, दस्तावेजों का निर्माण सहित अन्य कार्य ग्राम पंचायत भावा को ही करने देना चाहिए जिससे ग्राम पंचायत में आय के स्त्रोत भी बढेंगे।
शंकरीदेवी जाट, सरपंच

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