Tuesday, February 23, 2010

तीसरे दिन आग पर काबू

कुंभलगढ। लगभग तीन दिन पूर्व स्थानीय वन्यजीव अभयारण्य में धधकी आग पर मंगलवार को तीसरे दिन काबू पाया जा सका। गौरतलब है कि अभयारण्य के पालर, कोटार वल्ला, कांच की घाटी व सिंयाल खादरा क्षेत्र में लगी आग सोमवार को उस समय लगभग 200 से ज्यादा हेक्टेयर क्षेत्र में फैल गई, जब तेज हवाएं चलने लगीं। अभयारण्य में लगी आग की लपटें दूर-दूर तक दिखाई दे रही थीं। यहां तक कि कुंभलगढ दुर्ग से भी जंगल की आग का नजारा दिखाई दे रहा था, जिससे यहां पहुंचे पर्यटकों ने भी दुर्ग जल्दी खाली कर दिया।
आग की सूचना के बाद क्षेत्रीय वन अघिकारी भंवरसिंह के नेतृत्व में वनपाल महेन्द्रसिंह झाला, वनरक्षक माधोसिंह, देवीसिंह, भरतसिंह, केसर व सोनाराम सहित करीब पचास से साठ ग्रामीणों ने मौके पर जाकर सोमवार को ही आग बुझाने का कार्य शुरू कर दिया था, जो मंगलवार दोपहर तक जारी रहा।
दोपहर लगभग एक बजे आग पर काबू पाया जा सका। फायर बिग्रेड के मौके पर नहीं पहुंचने के कारण ग्रामीण व वनकर्मी प्राकृतिक साधनों से आग पर काबू पाने के प्रयास करते नजर आए। वनकर्मी व क्षेत्र के गवार, आरेट व खरनी टांकडी के ग्रामीण हरे पेड की टहनियों व अन्य साधनों से आग बुझाते नजर आए।
आग पर काबू पाए जाने के बावजूद आधा दर्जन वनकर्मियों के अलावा 60-70 ग्रामीण अभी भी मौके पर ही डेरा डाले हुए हैं। ग्रामीणों में भय है कि तेज चल रही हवाओं से आग दुबारा धधक नहीं जाए। अभयारण्य में आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है।

No comments: