Sunday, February 21, 2010

नलकूप का देसी मिस्त्री

कुंवारिया। कोई व्यक्ति चाहे कम पढा लिखा क्यों न हो, लगन और मेहनत से किसी कार्य को करने की ललक हो तो उसके लिए असंभव कुछ भी नहीं रहता। कुछ ऎसा ही काम कर दिखाया है समीपवर्ती ओलनाखेडा ग्राम पंचायत के गांव शम्भूपुरा के पांचवीं पास किसान चतुर्भुज कुमावत ने। उसने अपने दिमाग और मेहनत से तैयार औजारों से ऎसा काम किया है, जहां वैज्ञानिकों की ओर से तैयार उपकरणों ने भी जवाब दे दिया था। चतुर्भुज ने अपने हाथों से तैयार औजारों के माध्यम से गांव के चेना कुमावत के बाडे में लगे करीब 600 फीट गहरे नलकूप में 100 फीट की गहराई में अटके लोहे की 100 किलो वजनी व 12 फीट लम्बी शॉफ्ट (राड) निकाल कर सभी को हैरत में डाल दिया।
यह शॉफ्ट कुछ दिन पूर्व नलकूप में पत्थर गिरने के बाद उसे तोडने के लिए चलाई गई थी, जो अन्दर फंस गई। जेसीबी मशीन, टै्रक्टर आदि के माध्यम से शॉफ्ट व पत्थर निकालने के खूब प्रयास किए, लेकिन नहीं निकले। चतुर्भुज ने पांच घंटे के परिश्रम से नलकूप को पूरी तरह से दुरूस्त कर दिखाया। इसकी सूचना पर सरदारगढ के नायब तहसीलदार सूरजपाल सिंह सहित बडी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहंुचे और चतुर्भुज की प्रशंसा की। चतुर्भुज ने इसी तरह का दूसरा काम क्षेत्र के मण्डफरी महादेव मंदिर परिसर स्थित पांच सौ फीट गहरे नलकूप को तैयार करके किया। पेडों की जडे व मिट्टी आने से नलकूप बन्द हो गया था, जिसे उसने अपने देसी औजारों की सहायता से बाहर निकाल दिया।
हुक का कमालचतुर्भुज ने एक ऎसी हुक तैयार की है जिसे नलकूप में डाल कर रॉड से घुमाने पर फंसी हुई सारी जडें कट कर बाहर आ जाती है। इसी तरह एक ऎसी çस्ंप्रग तैयार की है, जिसे नलकूप में डाल पत्थर व टुकडों को बाहर निकाला जा सकता है।

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