Sunday, February 7, 2010

बनी रही फाग की रंगत

राजसमंद। नाथद्वारा ठाकुरजी के पाटोत्सव के एक दिन बाद रविवार को भी गुजरात, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का भारी जमावडा रहा। दिन भर की झांकियों के दर्शनार्थ मंदिर परिसर, नक्कारखाना व मोती महल में श्रद्धालुओं की रेलमपेल तो नगर के बाजारों में खरीदारों की भारी रौनक बनी रही। यही नहीं, सुबह के समय चौपाटी एवं दिल्ली बाजार तथा संध्या से देर रात तक माणक चौक की रौनक भी बरकरार रही। राजभोग की झांकी के समय नक्कारखाना से लेकर मंदिर मार्ग तक श्रद्धालुओं की भीड बनी रही।
फाग का भावफाग माह की सेवानुरूप वैष्णव स्वरूपों को धवल रंगत के अंग वस्त्र धराकर पुष्पाभूषण धराए गए। श्रीजी व लालन के साथ ही मदनमोहनजी, द्वितीय पीठ के युगल स्वरूप यमुनाजी तथा गुर्जरपुरा के लालाजी के प्राकट्य स्वरूपों को धवल वस्त्र अंगीकार कराकर चौवा चंदन की टिपकियां रूपांकित की गई। राजभोग की झांकी के समय वैष्णव स्वरूपों को गुलाल-अबीर से खूब फाग खिलाया गया। कन्दरा के संग सुसज्जित पिछवई खण्ड पर मुखिया बाबा ने चंदन जल का छिडकाव किया और चुटकियों में गुलाल-अबीर लेकर कतारबद्ध चिडियाओं को रूपांकित कर फाग सेवा का भाव रचा। कीर्तनकार समाज ने ताल धमार में विविध वाद्य यंत्रों की संगत के साथ रसिया क शृंगारिक पदावलियां गुंजारित की।
रसिया गानबृजवासी रसिया दल ने राजभोग झांकी के समय रतन चौक में खडे होकर चंग की थाप पर खडे रसिया एवं डोल तिबारी में खडे होकर बैठे रसिया का गान किया। गोपाल छोटे, ललित गुर्जर, शंकर भाई आदि ने अपनी टोली के साथ घंटे भर तक रसिया गान किया। संध्या के समय बाल गोपालों ने देवी-देवताओं के स्वांग बनकर मण्डलाकार नृत्य कर वैष्णवों का मन मोहा।
यातायात रहा बाघितरविवार के अवकाश के मद्देनजर सैकडों गुजराती वैष्णव अपने चारपहिया वाहनों से ठाकुरजी की नगरी पहंुचे। रिसाला चौक का पार्किग वाहनों से पैक रहा तो गोविन्द चौक से गोशाला मार्ग तथा गांधी रोड पर कुम्हारवाडा में वाहनों की कतारें लगी रहीं ओर कई बार यातायात बाघित रहा। उल्लेखनीय है कि नगर में छोटे-छोटे चारपहिया वाहनों के लिए एक ही पार्किग स्थल है तथा बडे वाहनों के लिए पार्किग का कोई तयशुदा स्थल नहीं होने से यातायात बाघित रहता है।



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