नाथद्वारा। वैष्णव नगरी में रविवार को श्रद्धालुओं का भारी जमावडा रहा। दिन भर की झांकियों के समय जहां चौपाटी, मोती महल, मंदिर मार्ग व गांधी रोड पर खूब रौनक बनी रही, वहीं दिल्ली बाजार, सर्राफा बाजार, बोहरवाडी व मुंबई मार्केट की दुकानों पर खूब खरीदारी हुई।
गोस्वामी तिलकायत इन्द्रदमनजी महाराज के जन्मोत्सव के साथ ही रविवार को मथुरेशजी के पाटोत्सव का भाव रूप भी रचा गया। इस मौके पर नंदालय (मोती महल) पर भव्य रोशनी की गई और हवेली में केसर हल्दी से देहरी पूजन कर कदली खंभ लगाए गए। कीर्तनकार समाज ने श्री लक्ष्मण कुल गाइये श्री वल्लभ... गान के साथ बधाइयां गुंजारित की। रसिया गायकों ने फाग संग जन्मोत्सव से जुडे रसियागान कर माहौल को द्विगुणित कर दिया।
दूल्हा बने गोवर्द्धनधारीश्रीजी व लालन सहित मदन मोहन व विट्ठलनाथजी के युगल स्वरूप को उत्सव भाव का साज श्ाृंगार धराया गया। ठाकुरजी को इस मौके पर मेघ श्याम, ठाडे वस्त्र के साथ पतंगी रंगत की सूथन, चाकदार वागा एवं चोली की सेवा धराकर दुमाला सुशोभित किया गया। शीश फूल, मयूराकृत कुण्डल के साथ ठाकुरजी ने पीताम्बर अंगीकार किया। सखी भाव से वेणी को अष्ट पुष्पों से शृंगारित किया गया और सोने व मीना के आभरण धराए गए। ठाकुरजी के श्रीमस्तक पर सेहरा श्ाृंगारित कर दूल्हे का भाव रचा गया। चंवरी व विवाहोत्सव भाव की पिछवई सुसçज्ात कर विवाह के भावों को रचा गया। श्रीनाथ बैण्ड दल ने गोवर्द्धन पूजा चौक में खडे होकर जन्मोत्सव की मंगल स्वर लहरियां गुंजारित की।
गोस्वामी तिलकायत इन्द्रदमनजी महाराज के जन्मोत्सव के साथ ही रविवार को मथुरेशजी के पाटोत्सव का भाव रूप भी रचा गया। इस मौके पर नंदालय (मोती महल) पर भव्य रोशनी की गई और हवेली में केसर हल्दी से देहरी पूजन कर कदली खंभ लगाए गए। कीर्तनकार समाज ने श्री लक्ष्मण कुल गाइये श्री वल्लभ... गान के साथ बधाइयां गुंजारित की। रसिया गायकों ने फाग संग जन्मोत्सव से जुडे रसियागान कर माहौल को द्विगुणित कर दिया।
दूल्हा बने गोवर्द्धनधारीश्रीजी व लालन सहित मदन मोहन व विट्ठलनाथजी के युगल स्वरूप को उत्सव भाव का साज श्ाृंगार धराया गया। ठाकुरजी को इस मौके पर मेघ श्याम, ठाडे वस्त्र के साथ पतंगी रंगत की सूथन, चाकदार वागा एवं चोली की सेवा धराकर दुमाला सुशोभित किया गया। शीश फूल, मयूराकृत कुण्डल के साथ ठाकुरजी ने पीताम्बर अंगीकार किया। सखी भाव से वेणी को अष्ट पुष्पों से शृंगारित किया गया और सोने व मीना के आभरण धराए गए। ठाकुरजी के श्रीमस्तक पर सेहरा श्ाृंगारित कर दूल्हे का भाव रचा गया। चंवरी व विवाहोत्सव भाव की पिछवई सुसçज्ात कर विवाह के भावों को रचा गया। श्रीनाथ बैण्ड दल ने गोवर्द्धन पूजा चौक में खडे होकर जन्मोत्सव की मंगल स्वर लहरियां गुंजारित की।
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