राजसमन्द। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक) ने हत्या करने के लिए अपहरण कर ले जाने के मामले में चारों आरोपियाें को दोष साबित नहीं होने पर बरी कर दिया।
प्रकरणानुसार धांयला चोंचलाई निवासी नारायण पिता हरजी रेबारी ने पुलिस में मामला दर्ज कराया कि दो फरवरी 08 को केलवा क्षेत्र स्थित मार्बल फैक्ट्री में मजदूरी करने जा रहा था कि रास्ते में माल का गुडा नाथद्वारा निवासी माना पिता सावल, चैना पिता माना, धांयला चौंचलाई निवासी प्रताप पिता खेता तथा अर्जुन पिता प्रताप ने लाठियाें से मारपीट कर घालय कर दिया तथा बेहोशी की हालत में प्रताप ने उसे जान से मारने के लिए माना व चैना को सौंप दिया। माना व चैना मोटरसाईकल पर नारायण को ले जा रहे थे कि रास्तें में गांव जेतपुरा के लोगाें ने अपहरणकर्ताआें को पकड लिया तथा मौके पर पुलिस को बुलाकर माना व चैना को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने अनुसंधान के बाद माना, चैना, प्रताप व अर्जुन के खिलाफ धारा 364 के तहत न्यायालय में चालान (आरोप पत्र) पेश किया। अदालत ने अभियुक्तगणाें के विरूध्द लगाए आरोपो को गलत मानकर चारों आरोपियाें को दोषमुक्त कर दिया। अभियुक्तगण की ओर से पैरवी एडवोकेट सुजानसिंह व राजसिंह चौधरी ने की।
प्रकरणानुसार धांयला चोंचलाई निवासी नारायण पिता हरजी रेबारी ने पुलिस में मामला दर्ज कराया कि दो फरवरी 08 को केलवा क्षेत्र स्थित मार्बल फैक्ट्री में मजदूरी करने जा रहा था कि रास्ते में माल का गुडा नाथद्वारा निवासी माना पिता सावल, चैना पिता माना, धांयला चौंचलाई निवासी प्रताप पिता खेता तथा अर्जुन पिता प्रताप ने लाठियाें से मारपीट कर घालय कर दिया तथा बेहोशी की हालत में प्रताप ने उसे जान से मारने के लिए माना व चैना को सौंप दिया। माना व चैना मोटरसाईकल पर नारायण को ले जा रहे थे कि रास्तें में गांव जेतपुरा के लोगाें ने अपहरणकर्ताआें को पकड लिया तथा मौके पर पुलिस को बुलाकर माना व चैना को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने अनुसंधान के बाद माना, चैना, प्रताप व अर्जुन के खिलाफ धारा 364 के तहत न्यायालय में चालान (आरोप पत्र) पेश किया। अदालत ने अभियुक्तगणाें के विरूध्द लगाए आरोपो को गलत मानकर चारों आरोपियाें को दोषमुक्त कर दिया। अभियुक्तगण की ओर से पैरवी एडवोकेट सुजानसिंह व राजसिंह चौधरी ने की।
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