राजसमंद जिले के मांडावाडा गांव में पिछले चार दिन में बीमारी से करीब बीस मोरों की मौत हो गई। कई कबूतर भी इस बीमारी का शिकार हुए।उपसरपंच ओमकार सुथार व ग्रामवासी प्रकाश सेन ने बताया कि पिछले चार दिन से अज्ञात बीमारी के चलते मोर के मुंह से झाग निकलते हैं और चलने-फिरने में असहाय होकर वे दम तोड देते हैं। गांव के खडला का कुएं पर तीन, मंडफुटा पर चार, देवनारायण चौक में तीन, कल्लाजी का देवरा में तीन, एवं दो जंगल में चट्टानों एवं दो झाडियों के बीच मरे पाए गए। चार रोज पूर्व मरे सात-आठ मोरों को कुत्ते उठा ले गए। आमेट निवासी सोहन सुथार एक मोर को देवगढ अस्पताल ले आया।उसने ही मोरों के मरने की जानकारी दी। इस पर पशुचिकित्सक डा. सतीश शर्मा मौके पर पंहुचे एवं दो मोरों का पोस्टर्माटम कर बताया कि मोरो में सालमौनेलिस बीमारी है।गांव के मोरो में बेक्टीरियल बिमारी फैली हुई हैं। जिस स्थान पर दाना खिलाते हैं, उसी जगह पानी भरवाकर पानी में दवा डाल कर राष्ट्रीय पक्षी का इलाज किया जाएगा।डा.सतीश शर्मा, पशुचिकित्सकमोरों के मरने की जानकारी मिलते ही गांव में पहुंच स्थिति का जायजा लिया। मोरों के समुचित इलाज की व्यवस्था की जाएगी। तारूसिंह वर्मा, वन अधिकारी
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