राजसमन्द। जिले के आमेट थानान्तर्गत टीकर गांव में करीब छह माह पूर्व चरित्र पर शंका कर पत्नी को मौत के घाट उतारने के मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक) ने एक व्यक्ति को आजीवन कारावास एवं सात हजार रुपए का अर्थदण्ड मुकर्रर किया है।
प्रकरणानुसार कुंवाथल देवगढ निवासी अशोक पुत्र भंवर लाल जोशी ने 20 सितम्बर 2008 को आमेट थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी बहन लक्ष्मी की शादी 20 वर्ष पूर्व टीकर आमेट निवासी सोहन लाल पुत्र किशन लाल के साथ हुई। शादी के बाद से आए दिन उसका पति प्रताडित करता रहा। अशोक ने बताया कि सोहन लाल नौकरी के सिलसिले में मुम्बई भी रहता था और जब भी यहां आता तब लक्ष्मी के चरित्र पर संदेह कर उसके साथ मारपीट करता। अशोक के अनुसार उसका बहनोई सोहन लाल घटना से सवा माह पूर्व टीकर आया और लक्ष्मी से मारपीट करता था। घटना वाले दिन लक्ष्मी अपने बाडे में निजी कार्य से पहुंची पीछे-पीछे सोहन लाल भी पहुंच गया और लकडी और पत्थरों से उसे पीट-पीट कर मार डाला। घटना के वक्त उसका भांजा विजेश भी मौके पर मौजूद था। पुलिस ने मामले का अनुसंधान कर चालान अदालत में पेश किया। फास्ट ट्रेक अदालत में विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह पेश किए गए अदालत ने गवाहों के बयान एवं प्रस्तुत साक्ष्य तथा दोनों पक्षों की पैरवी सुनने के उपरांत सोहन लाल के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मानते हुए उसे हत्या के आरोप में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए का अर्थदण्ड तथा प्रताडना के आरोप में एक वर्ष की कैद और दो हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक बापूलाल ओस्तवाल ने पैरवी की।
प्रकरणानुसार कुंवाथल देवगढ निवासी अशोक पुत्र भंवर लाल जोशी ने 20 सितम्बर 2008 को आमेट थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी बहन लक्ष्मी की शादी 20 वर्ष पूर्व टीकर आमेट निवासी सोहन लाल पुत्र किशन लाल के साथ हुई। शादी के बाद से आए दिन उसका पति प्रताडित करता रहा। अशोक ने बताया कि सोहन लाल नौकरी के सिलसिले में मुम्बई भी रहता था और जब भी यहां आता तब लक्ष्मी के चरित्र पर संदेह कर उसके साथ मारपीट करता। अशोक के अनुसार उसका बहनोई सोहन लाल घटना से सवा माह पूर्व टीकर आया और लक्ष्मी से मारपीट करता था। घटना वाले दिन लक्ष्मी अपने बाडे में निजी कार्य से पहुंची पीछे-पीछे सोहन लाल भी पहुंच गया और लकडी और पत्थरों से उसे पीट-पीट कर मार डाला। घटना के वक्त उसका भांजा विजेश भी मौके पर मौजूद था। पुलिस ने मामले का अनुसंधान कर चालान अदालत में पेश किया। फास्ट ट्रेक अदालत में विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह पेश किए गए अदालत ने गवाहों के बयान एवं प्रस्तुत साक्ष्य तथा दोनों पक्षों की पैरवी सुनने के उपरांत सोहन लाल के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मानते हुए उसे हत्या के आरोप में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए का अर्थदण्ड तथा प्रताडना के आरोप में एक वर्ष की कैद और दो हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक बापूलाल ओस्तवाल ने पैरवी की।
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