राजसमन्द। राजसमन्द नगरपालिका की ओर से आयोजित पांच दिवसीय गणगौर महोत्सव चौथे दिन मंगलवार को गणगौर की सवारी देखने के लिए नगर में लोगाें का हुजुम उमड पडा। राजस्थान संस्कृति के प्रतीक पर्व पर महिलाआें ने परम्परानुसार गणगौर की पूजा कर झाले दिए।
गुलाबी परिधानाें से सुसाित गुलाबी गणगौर सवारी का लवाजमा शाम पांच बजे प्रभु द्वारकाधीश मंदिर से बालकृष्ण स्टेडियम मेला प्रांगण के लिए रवाना हुआ। सवारी में हाथी, घोडे, ऊंट, पालकी, फौज पलटन, बाजे-गाजे, छडीदार, नक्कारखाने निशान जैसे परमपरागत लाव लश्कर के अतिरिक्त शिव-पार्वती, ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शेरोवाली, महिषासुर मर्दन, शिवाजी सहित विभिन्न देवी-देवताआें की झांकिया ने दर्शकाें को मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं कच्छी घोडी, नर्तक, धाकाधीक धमाका के मुखौटा पात्राें ने अपनी चाल व हावभाव से लोगाें का खासा मनोरंजन किया। ढोलक मजीरो के साथ भजन कीर्तन करती भजन मण्डलियां भक्ति रस बिखेर रही थी। नक्कारखाने का डंका, नगर व विभिन्न स्थानाें से आए बैण्डबाजे की मधुर भक्ति स्वर लहरियां अलग ही रंग बिखेर रही थी। वहीं ढोल नगाडे, तुरही, बांक्या की धुन ने लागो को मदमस्त कर दिया। शोभायात्रा मे पालिकाध्यक्ष अशोक रांका, उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश काबरा, पूर्व पालिकाध्यक्ष दिनेश पालीवाल, प्रमोद गौड, भानु पालीवाल, श्यासुन्दर पालीवाल, प्रमोद पालीवाल सहित नगर के बडी संख्या में गणमान्य नागरिकाें ने हिस्सा लिया। सभी लोग गुलाबी रंग के साफे तथा मेवाडी पाग बांधे गले में गुलाबी दुपट्टा डाले हुए थे। सवारी में बालिकाआें द्वारा सिर पर लिए जल कलश एवं सुसाित बग्गी जीप पर गुलाबी परिधानाें में सुसाित काष्ठ की गणगौर प्रतिमाएं शोभायमान थी। सवारी रेती मोहल्ला, मंदिर ढाल, सब्जी मंडी, नया बाजार, बस स्टेण्ड, मुख्य चौपाटी, जेके मोड होती हुई मेला प्रांगण पहुंची। जहां परम्परागत महिलाआें ने गणगौर का पूजन किया। गणगौर की सवारी देखने के लिए मंगलवार शाम चार बजे से रेलमपेल बढती गई। पांच बजे तक नगर के सवारी गुजरने वाले स्थानाें के मकानाें व दुकानाें के आसपास महिलाएं व युवा खडे हो गए। सवारी निकलने के साथ ही नगर की सडकाें पर मानव श्रंखला बन गई। वहीं शाम सात बजे नगर की चौपाटी से जलचक्की तक लोगाें की खासी भीड रही। इधर मेला प्रांगण में लगे मनोरंजन के लिए डोलर, झूलाें, चाट पकौडी सहित विभिन्न व्यंजनाें का मेलार्थियाें ने भरपुर आनन्द उठाया। सवारी के आज अंतिम दिन मेला स्थल पर लोगो की अपार भीड उमड पडी। ग्रामीण अंचलों से भी बडी संख्या में स्त्री-पुरूष सवारी एवं मेला देखने यहां पहुंचे।
सोमवार को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बस्सी चित्तोडगढ के न्यू राजस्थानी आर्केस्ट्रा ग्रुप के कलाकाराें ने राकेश कुमार बरोदिया एण्ड पार्टी के साथ रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
वन्दे मित्र मंडल : वन्दे मित्र मंडल कांकरोली की ओर से गणगौर के अवसर पर निकली भव्य शोभायात्रा में शामिल भक्तजनों एवं नगरवासियाें का नींबू एवं पुदीना शिंकजी पिलाकर मंडल सदस्याें ने भावभीना स्वागत किया। मंडल के चंद्रप्रकाश सिंयाल ने बताया कि गणगौर के पावन अवसर पर चोपाटी पर ही वन्दे जल मंदिर का भी संचालन किया गया जिसका शुभारंभ समाजसेवी महेन्द्र कोठारी ने किया। इसी कडी में भूपेन्द्र चोरडिया, राजेश माहेश्वरी, वीरेन्द्र पगारिया, पंकज मेहता, महेश बाफना, यशवंत शर्मा के संयुक्त तत्वावधान में सवारी में सम्मिलित भक्तजनाें एवं शोभायात्रा देखने आए दर्शनार्थियाें को आठ क्विंटल नींबू पुदीना शीतल पेय पिलाकर स्वागत किया गया। शिकंजी वितरण में शंकर मादरेचा, राकेश पगारिया, चन्द्रप्रकाश साहू, सुनिल चोरडिया, नितिन सोनी, गिरिराज श्रीमाली, कुलदीप पगारिया सहित कई अन्य गणमान्य नागरिकाें ने भी सहयोग किया।
गुलाबी परिधानाें से सुसाित गुलाबी गणगौर सवारी का लवाजमा शाम पांच बजे प्रभु द्वारकाधीश मंदिर से बालकृष्ण स्टेडियम मेला प्रांगण के लिए रवाना हुआ। सवारी में हाथी, घोडे, ऊंट, पालकी, फौज पलटन, बाजे-गाजे, छडीदार, नक्कारखाने निशान जैसे परमपरागत लाव लश्कर के अतिरिक्त शिव-पार्वती, ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शेरोवाली, महिषासुर मर्दन, शिवाजी सहित विभिन्न देवी-देवताआें की झांकिया ने दर्शकाें को मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं कच्छी घोडी, नर्तक, धाकाधीक धमाका के मुखौटा पात्राें ने अपनी चाल व हावभाव से लोगाें का खासा मनोरंजन किया। ढोलक मजीरो के साथ भजन कीर्तन करती भजन मण्डलियां भक्ति रस बिखेर रही थी। नक्कारखाने का डंका, नगर व विभिन्न स्थानाें से आए बैण्डबाजे की मधुर भक्ति स्वर लहरियां अलग ही रंग बिखेर रही थी। वहीं ढोल नगाडे, तुरही, बांक्या की धुन ने लागो को मदमस्त कर दिया। शोभायात्रा मे पालिकाध्यक्ष अशोक रांका, उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश काबरा, पूर्व पालिकाध्यक्ष दिनेश पालीवाल, प्रमोद गौड, भानु पालीवाल, श्यासुन्दर पालीवाल, प्रमोद पालीवाल सहित नगर के बडी संख्या में गणमान्य नागरिकाें ने हिस्सा लिया। सभी लोग गुलाबी रंग के साफे तथा मेवाडी पाग बांधे गले में गुलाबी दुपट्टा डाले हुए थे। सवारी में बालिकाआें द्वारा सिर पर लिए जल कलश एवं सुसाित बग्गी जीप पर गुलाबी परिधानाें में सुसाित काष्ठ की गणगौर प्रतिमाएं शोभायमान थी। सवारी रेती मोहल्ला, मंदिर ढाल, सब्जी मंडी, नया बाजार, बस स्टेण्ड, मुख्य चौपाटी, जेके मोड होती हुई मेला प्रांगण पहुंची। जहां परम्परागत महिलाआें ने गणगौर का पूजन किया। गणगौर की सवारी देखने के लिए मंगलवार शाम चार बजे से रेलमपेल बढती गई। पांच बजे तक नगर के सवारी गुजरने वाले स्थानाें के मकानाें व दुकानाें के आसपास महिलाएं व युवा खडे हो गए। सवारी निकलने के साथ ही नगर की सडकाें पर मानव श्रंखला बन गई। वहीं शाम सात बजे नगर की चौपाटी से जलचक्की तक लोगाें की खासी भीड रही। इधर मेला प्रांगण में लगे मनोरंजन के लिए डोलर, झूलाें, चाट पकौडी सहित विभिन्न व्यंजनाें का मेलार्थियाें ने भरपुर आनन्द उठाया। सवारी के आज अंतिम दिन मेला स्थल पर लोगो की अपार भीड उमड पडी। ग्रामीण अंचलों से भी बडी संख्या में स्त्री-पुरूष सवारी एवं मेला देखने यहां पहुंचे।
सोमवार को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बस्सी चित्तोडगढ के न्यू राजस्थानी आर्केस्ट्रा ग्रुप के कलाकाराें ने राकेश कुमार बरोदिया एण्ड पार्टी के साथ रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
वन्दे मित्र मंडल : वन्दे मित्र मंडल कांकरोली की ओर से गणगौर के अवसर पर निकली भव्य शोभायात्रा में शामिल भक्तजनों एवं नगरवासियाें का नींबू एवं पुदीना शिंकजी पिलाकर मंडल सदस्याें ने भावभीना स्वागत किया। मंडल के चंद्रप्रकाश सिंयाल ने बताया कि गणगौर के पावन अवसर पर चोपाटी पर ही वन्दे जल मंदिर का भी संचालन किया गया जिसका शुभारंभ समाजसेवी महेन्द्र कोठारी ने किया। इसी कडी में भूपेन्द्र चोरडिया, राजेश माहेश्वरी, वीरेन्द्र पगारिया, पंकज मेहता, महेश बाफना, यशवंत शर्मा के संयुक्त तत्वावधान में सवारी में सम्मिलित भक्तजनाें एवं शोभायात्रा देखने आए दर्शनार्थियाें को आठ क्विंटल नींबू पुदीना शीतल पेय पिलाकर स्वागत किया गया। शिकंजी वितरण में शंकर मादरेचा, राकेश पगारिया, चन्द्रप्रकाश साहू, सुनिल चोरडिया, नितिन सोनी, गिरिराज श्रीमाली, कुलदीप पगारिया सहित कई अन्य गणमान्य नागरिकाें ने भी सहयोग किया।
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