देवगढ कस्बे के सामुदायिक चिकित्सालय में प्रसव के बाद दो नवजात शिशुओं की मौत पर लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए चिकित्सालय में हंगामा किया। इस शिकायत की जांच के बाद उच्चाधिकारियों ने प्रसव कराने वाले मेल नर्स को निलम्बित कर दिया है।चिकित्सकों की अनुपस्थिति में मेल नर्स प्रकाश जीनगर ने बुधवार तडके चार बजे देवगढ निवासी सीमा पत्नी कमलेश पुरोहित को प्रसव कराया। प्रसव के कुछ ही देर बाद शिशु की मौत हो गई।इसी तरह 23 मार्च से चिकित्सालय में भर्ती मोटागुडा की आशादेवी पत्नी डूंगाराम का प्रसव बुधवार सुबह साढे आठ बजे हुआ और उसके भी शिशु की मौत हो गई। दो नवजातों की मृत्यु की खबर फैलते ही क्षेत्र के 50 से 60 लोग हॉस्पिटल पहंुच गए। उन्होंने रोष प्रकट करते हुए जिला कलक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दूरभाष पर इस घटना की जानकारी दी। इस पर कार्यवाहक उपखण्ड अघिकारी दिनेश भार्गव एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अघिकारी ने चिकित्सालय पहुंच मेल नर्स प्रकाश जीनगर एवं एएनएम विमला टेलर के बयान दर्ज कर जांच शुरू की। प्रारम्भिक जांच के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मेलनर्स जीनगर को निलम्बित कर उन्हें राजसमंद मुख्यालय पर अपनी सेवाएं देने के निर्देश दिए। चिकित्सकों की गैर मौजूदगी में प्रसवग्रामीणों ने रोष जताया कि चिकित्सालय में आमतौर पर रात्रि के समय चिकित्सकों के घर चले जाने के बाद ड्यूटी पर उपस्थित मेल नर्स एवं एएनएम ही प्रसव कराते हैं जिससे कुशल चिकित्सकों के अभाव में इस तरह के हादसे होते रहते हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में प्रतिमाह 150 से 175 प्रसव होते हैं। अधिकतर मामलों में प्रसव सफल हो तो कार्ड बनाया जाता है। केस बिगडने पर बगैर कार्ड बनाए ही छुट्टी दे दी जाती है
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